PRAYAGRAJ: अगर आप भी मैट्रीमोनियल साइट के जरिए जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। ऐसी किसी भी साइट के जरिए रिश्ता तय करने से पहले अच्छे ढंग से तस्दीक कर लें। असल में रविवार को सिविल लाइंस के नवाब युसूफ रोड से एक ऐसी मैट्रीमोनियल साइट का खुलासा हुआ जो लोगों को शादी के नाम पर ठगती थी। यहां के कर्ताधर्ता सोशल साइट्स से गुडलुकिंग लड़कों-लड़कियों की फोटो निकालते थे। उन्हें एडिट करते थे और किसी अन्य सीवी के साथ भेज देते थे। खूबसूरत तस्वीरें व शानदार सीवी देख लोग शादी के लिए मान जाते थे। इसके बाद हजारों रुपये फीस के नाम पर लेकर कंपनी रजिस्ट्रेशन करवाती थी। रजिस्ट्रेशन के बाद दोनों पक्षों का एक-दूसरे का मोबाइल नंबर दिया जाता था। नंबर पर बात करके जब फैमिली वाले सीवी वाले लड़के या लड़की की ओरिजिनल तस्वीर मंगवाते थे, तो शादी टूट जाती थी। विरोध पर कंपनी के कर्मचारी दूसरे से रिश्ता कराने की बात कहकर घुमाते रहते थे।
- रूम में लाइफ पार्टनर के नाम खोल रखी थी ऑफिस
- युवतियां इस ऑफिस में करती थीं काम
- लड़कियों को पुलिस ले लिया हिरासत में
- से छह हजार रुपये मंथली थी सैलरी
- कम्प्यूटर के सीपीयू पुलिस ने किया बरामद
- मोबाइल भी मौके से लगे हैं पुलिस के हाथ
- 15 हजार रुपये वसूलते थे लोगों से रजिस्ट्रेशन फीस
पूछताछ में सामने आए सारे राज
मैट्रीमोनियल साइट की ऑफिस से हिरासत में ली गई महिला कर्मचारियों से पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस के मुताबिक इन्होंने कंपनी के मालिक का नाम वीरेंद्र घेड्डियाल बताया गया। वीरेंद्र द्वारा ही इन्हें इस कंपनी में काम पर रखा गया था। उसी के कहने पर यह युवतियां फेसबुक व अन्य सोशल साइट्स से लड़के-लड़कियों की फोटो निकालती थीं। इसके बाद उनकी तस्वीरें कम्प्यूटर पर एडिट की जाती थी। फिर ऑफिस में लोगों द्वारा रिश्ते के लिए दी गई लड़के व लड़कियों की सीवी कम्प्यूटर में लोड करती थीं। लोड की गई इस सीवी पर परिवार द्वारा दी गई असली तस्वीरें हटाकर एडिट की गई दूसरे लड़के व लड़की की तस्वीर लगा देती थीं। शादी के लिए आने वालों को यही सोशल साइट्स से निकाली गई तस्वीरें दिखाती थीं। तस्वीरें देखते ही लोग शादियां तय कर लेते थे। फिर रजिस्ट्रेशन के नाम पर मोटी रकम लेकर कंपनी के कर्मचारी लड़की या लड़के की सीवी मोबाइल नंबर सहित दे देते थे। फिर परिवार वाले जब एक दूसरे से बात कर ओरिजिनल तस्वीर मंगवाते थे तो तस्वीर देखते ही शादियां वे तोड़ देते थे। पुलिस के मुताबिक कर्मचारियों ने बताया कि 90 प्रतिशत शादियां तय होने के बाद इन्हीं वजहों से टूट जाती थीं। हालांकि देर रात तक कंपनी के मालिक वीरेंद्र को पुलिस नहीं पकड़ सकी थी। उसके मोबाइल की लोकेश प्रतापगढ़ में मिली है।
ऐसे हुआ इस फ्रॉड का खुलासा
इस कंपनी का यह फ्रॉड उस वक्त सामने आया जब लखनऊ निवासी दिनेश के साथ घटना हुई।
दिनेश द्वारा शिकायत सीओ सिविल लाइंस से की गई। मामला संज्ञान में आया तो सीओ द्वारा पूरे फ्रॉड को खोलने का प्लान तैयार किया गया।
इस प्लान को अंजाम देने की जिम्मेदारी महिला थाने की प्रभारी दीपा सिंह को सौंपी गई। इंस्पेक्टर दीपा सिंह थाने में तैनात कांस्टेबल अनीता को टीम में शामिल कीं।
अनीता और इंस्पेक्टर रविवार शाम सिविल लाइंस नवाब यूसुफ रोड उस कॉमर्शियल बिल्डिंग में पहुंची जहां कंपनी की ऑफिस थी।
दोनों कंपनी के ऑफिस पहुंची। इंस्पेक्टर ने कांस्टेबल अनीता को अपनी भतीजी बताते हुए रिश्ते दिखाने की बात कही।
महिला कर्मचारियों द्वारा इस ऑफिस में कई खूबसूरत लड़कों की तस्वीर कम्प्यूटर के स्क्रीन पर दिखाई गई।
एक तस्वीर को इंस्पेक्टर ने सेलेक्ट करते हुए लड़के की सीवी व परिवार का मोबाइल नंबर देने को कहा।
कंपनी के कर्मचारी बगैर रजिस्ट्रेशन यह देने से इंकार कर दिए। रजिस्ट्रेशन के लिए इंस्पेक्टर से छह हजार रुपये मांगे गए।
तब तक फोर्स के साथ सीओ सिविल लाइंस खुद पहुंच गए और इस कंपनी का पूरा भांडा फूट गया।
हिरासत में लिए गए कर्मचारियों के बयान के आधार पर कंपनी मालिक वीरेंद्र के खिलाफ मुकदमा लिखा जाएगा। 'लाइफ पार्टनर कंपनी' के दफ्तर से कई मोबाइल व सिम आदि बरामद किए गए हैं। वीरेंद्र की तलाश जारी है। जांच बाद कई चीजें क्लियर होने की उम्मीद है।
-अजीत सिंह चौहान, सीओ सिविल लाइंस