संगठन मंत्री ने कार्यक्र्ताओं को समाज में सक्रियता बढ़ाने का दिया मंत्र

विश्व ¨हदू परिषद (विहिप) का गठन हिंदू समाज को संगठित करने, जागृत करने, संस्कृति के विस्तार के लिए हुआ। परिस्थितियां ऐसी बनीं कि संगठन का स्वरूप आंदोलनात्मक दिखने लगा। अब इसकी छवि को बदलने की कोशिश हो रही है। इसके लिए संगठन समाज के बीच अपने सेवा कार्यो को बढ़ाएगा। इसके लिए विहिप ने जिलेभर में 15 स्थानों पर डिस्पेंसरी शुरू करेगा। कुछ स्थान भी चिह्नित कर लिए गए हैं। इनमें संगठन से जुडे़ डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नि.शुल्क सेवा देंगे। यह जानकारी सोमवार को विहिप के संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने दी। वह विहिप के स्थापना सप्ताह के तहत मऊआइमा में आयोजित कार्यक्रम में विचार रख रहे थे।

सामाजिक समरसता है जरूरत

संगठन मंत्री ने कहा सामाजिक समरसता आज की जरूरत है। इसके लिए सप्ताह में कम से कम एक दिन सत्संग करें। महिलाओं को भी इसमें जरूर शामिल करें। वह मातृ शक्तियों को संगठित करने के साथ अपनी संस्कृति से भी जोड़ने में सहायक होंगी। सभी आयोजनों में क्षेत्र के धर्म गुरुओं, तीर्थ पुरोहितों को भी आमंत्रित करें। इन कार्यक्रमों में धार्मिक चर्चा के साथ अपने महापुरुषों को जानने, क्षेत्र की किसी खास समस्या के निदान पर भी मंथन कर सकते हैं। इससे वैचारिक जागरूकता आएगी। आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि गौ, गंगा और गायत्री के संरक्षण के लिए प्रत्येक कार्यकर्ता को आगे आना होगा। गोवंश की रक्षा का दायित्व सरकारी गोशालाओं पर नहीं छोड़ सकते। इसके लिए समग्र सामाजिक प्रयास जरूरी है। क्षेत्रीय स्तर पर कार्य योजनाएं बनाएं। इस मौके पर दिनेश त्रिपाठी, अमित पाठक, सतेंद्र शुक्ला, महेंद्र मौर्य, दीपक द्विवेदी, पंकज तिवारी, आशुतोष तिवारी,किशन शुक्ला, सूरज शुक्ला आदि मौजूद रहे।

परंपराओं, मान्यताओं के प्रति जागरूक हों

संगठन मंत्री ने कहा कि विहिप का प्रयास है कि आम जनमानस अपनी परंपराओं और मान्यताओं के प्रति जागरूक हो। नई पीढ़ी भी इससे जुड़े और संस्कारों को आत्मसात करें। ¨हदू समाज में समरसता कायम करने के साथ मतांतरण को रोकना होगा। लव जिहाद जैसी समस्या से भी निपटना होगा। इसके लिए आम जनमानस के बीच हमे पहुंचना होगा। ऐसा सेवा कार्यो को बढ़ाकर ही कर सकेंगे।