पेट्रोल पम्पों पर नहीं मिलती पब्लिक को मुफ्त वाली सुविधाएं

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के स्टिंग में सामने आया सच

क्या आपको पता है कि पेट्रोल पम्पों पर आपके लिए क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं। पेट्रोल या डीजल सेल करने के अलावा पेट्रोल पम्प संचालकों के लिए क्या-क्या सुविधाएं रखना अनिवार्य है। ऑयल कंपनियों का मैन्युवल और सरकार की गाइड लाइन क्या कहती है? जवाब हां है तो क्या आपने कभी चेक किया है कि आपके हक की कौन सी सुविधा नहीं मिल रही है। क्यों नहीं मिल रही है? इसके बारे में पूछने पर पेट्रोल पम्प संचालक की तरफ से जवाब क्या दिया जाता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने एक रीडर की तरफ से उठाये गये इस मुद्दे पर स्टिंग करके चेक करने का फैसला किया कि रीडर कितना सही है। स्टिंग के बाद जो सच सामने आया वह बेहद चौंकाने वाला था। सुविधाएं नदारत थी और जवाब देने वाले खामोश।

न टॉयलेट न ही पेयजल सुविधा

रिपोर्टर ने स्टिंग की शुरुआत सुभाष चौराहे के पास पेट्रोल पम्प से की। यहां न तो शौचालय दिखा और न ही पब्लिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की कोई व्यवस्था। पूछने पर पता चला कि टॉयलेट के लिए स्टॉफ मेम्बर खुद चौकी के पीछे खुले मैदान का इस्तेमाल करते हैं। चोट लगने के बहाने पर फ‌र्स्ट एड बाक्स की मांग की गई तो कर्मचारी खोजने का दिखावा करते रहे। कुछ देर बार जो फ‌र्स्ट एड बाक्स सामने रखा गया वह खाली था। खाली क्यों है? सवाल के जवाब में कर्मचारी ने बताया कि कल ही सामान खत्म हुआ है। सामान मंगवाया जा रहा है। शौचालय पूछने पर एक स्टॉफ ने सामने स्थित पुलिस चौकी दिखाते हुए कहा उसके पीछे मैदान है, वहां चले जाइये। यहां की अच्छी बात यह थी कि टायर में मुफ्त में हवा भरने का सिस्टम अप टु डेट था।

फ‌र्स्ट एड बाक्स खोजने के नाम पर हुआ गायब

इसके बाद रिपोर्टर कानपुर रोड पर स्थित पेट्रोल पंप पर पहुंचा। यहां पेयजल, टॉयलेट, हवा और फ‌र्स्ट एड बाक्स की उपलब्धता चेक करना टारगेट था। रिपोर्टर ने सीधे फ‌र्स्ट एड बाक्स मांग लिया यह बताते हुए कि पैर में चोट लग गयी है। कर्मचारी ने कहा कि बस थोड़ी देर वेट करें, फ‌र्स्ट एड बाक्स लेकर आता हूं। इसके बहाने वह अपने ऑफिस में चला गया। काफी देर तक बाहर नहीं आया तो रिपोर्टर खुद ऑफिस में पहुंच गया। यहां पूछने पर बताया गया कि कहीं रख दिया गया है, मिल नहीं रहा है। आप बाहर से जाकर खरीद लें। यहां मेडिकल स्टोर के साथ एक क्लीनिक का पता जरूर बता दिया गया। यहां टॉयलेट के साथ पानी की व्यवस्था भी की गयी थी। स्पॉट चेक करने पर लगा कि कई दिन से इस स्थान की साफ-सफाई ही नहीें हुई है। हवा भरवाने की व्यवस्था दुरुस्त मिली।

इस पानी को पी नहीं सकते

रिपोर्टर ने कचहरी चौराहे के समीप स्थित पेट्रोल पम्प पर उपलब्ध सुविधाएं देखने के लिए पहुंचे। यहां फ‌र्स्ट एड बाक्स तत्काल उपलब्ध कराया गया। अलग बात है कि इसमें एक मरहम की ट्यूब और कॉटन पट्टी ही थी। पूछने पर बताया गया कि बाकी सामान खत्म हो गया है। अधिकांश दवाइयों के खाली रैपर थे। यहां पेयजल की व्यवस्था थी लेकिन, इसे स्पॉट देखने के बाद प्यासा इंसान भी इसका इस्तेमाल पसंद न करे, इस तरह की स्थिति थी। यहां टॉयलेट मिला लेकिन इसमें गंदगी फैली हुई थी। फ्री एयर टनाटन उपलब्ध थी।

एक-दूसरे से पूछते रहे, कहां रख दिया

धोबी घाट पेट्रोल पंप पर फ‌र्स्ट एड बाक्स के लिए कर्मचारी एक-दूसरे को टरकाते हुए मिले। कर्मचारियों ने बताया कि कोरोना के टाइम से हटा दिया गया है। कई बार मांगने पर एक कर्मचारी ने बताया कि फ‌र्स्ट एड बाक्स दूसरे स्टॉफ ने कहीं रख दिया है। उनके आने तक वेट करने को कहा। आधा घंटा इंतजार के बाद कर्मचारी नहीं आया। यहां का शौचालय भी गंदा मिला। पानी के लिए एक नल लगा मिला। जिसकी सप्लाई टंकी से जुड़ी थी।

पेट्रोल पंपों पर मानक के अनुसार सभी रूल्स फॉलो किये जा रहे हैं। मुफ्त में हवा, पेयजल की सुविधा, शौचालय, फोन और प्राथमिक उपचार किट की व्यवस्था है। हम खुद इसे चेक करते रहते हैं ताकि पब्लिक परेशान न हो।

अनुज गुप्ता

सचिव इलाहाबाद पेट्रोलल/डीजल डीलर वेलफेयर एसोसिएशन