प्रयागराज (ब्यूरो)। सरकार द्वारा बनाए गए हिट एण्ड रन कानून के विरोध का असर आम लोगों के जीवन पर दिखने लगा है। बाहर से ट्रकों के नहीं आ पाने से मंगलवार को थोक मण्डी में फुटकर व्यापारियों को सब्जियां महंगी मिली। ऐसी स्थिति वहां से खरीद कर लाई गई सब्जियों को व्यापारी यहां महंगे दामों पर बेचने के लिए मजबूर रहे। सबसे ज्यादा इसका असर प्याज, परवल, मटर, शिमला मिर्च और लहसन पर पर बताया गया। कुछ दिन हालात यही रहे तो यह सब्जियां और भी महंगी हो जाएंगी। ऐसा हुआ तो आम गरीब तबके के लोगों की थाली से सब्जियों का गायब होना तय माना जा रहा है। सब्जी मार्केट में इन सामानों के बढ़े दाम को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा सब्जियों के व्यापारियों से बात की गई। उनके जरिए अचानक बढ़े रेट के पीछे बड़ी वजह चालकों के हड़ताल को बताया गया।
नासिक से मण्डी आती है प्याज
एजी ऑफिस सब्जी मार्केट के दुकानदार से की गई बातचीत में कई तरह की बातें बताई गईं। व्यापारी आशीष कुमार ने कहा कि कहा कि चालकों के इस विरोध प्रदर्शन का असर मार्केट पर दिखने लगा है। मंगलवार को थोक मुंडेरा मण्डी में नासिक से आने वाली अच्छी क्वालिटी के प्याज की 40 से 45 रुपये किलो दुकानदारों को मिली है। नई और सेकंड एवं थर्ड नंबर की प्याज भी बीस से 25 रुपये में थोड़ बिकी है। इस एजी ऑफिस सब्जी मण्डी में क्वालिटी पर फोकस होता है। इस हम लोगों के द्वारा एक नंबर की 40 से 45 रुपये वाली प्याज खरीद कर लाई गई। छटाई व सफाई के बाद यहां आज प्याज का प्याज 45 से 50 रुपये प्रति किलो है। सब्जी व्यापारी कमलेश ने बताया कि आलू व टमाटर जैसी सब्जियां लोकल से आई गई हैं। इस लिए इनके रेट पर चालकों की बंदी का असर नहीं है। मगर हरी मटर पहले थोक में हमें 80 से 90 रुपये में तीन किलो पड़ती थी। इस रेट में यहां लाकर सफाई के बाद हम लोग 100 रुपये में तीन किलो बेचते थे। आज मण्डी से ही 100 रुपये में तीन केजी रेट हम दुकानदारों को ही मिला है। बहुत रेट तो बढ़ा नहीं सकते, इस लिए यहां फुटकर में मटर अब सौ रुपये में दो से ढाई किलो बिक रही है। चूंकि परवल भी यहां बाहर से आता है और गाडिय़ां आई नहीं, इस लिए यहां थोक में परवल का रेट 145 से 150 रुपये पड़ा है। इस लिए यहां पांच रुपये अधिक यानी 150 से 160 रुपये किलो तक परवर बेचा जा रहा है।
लहसुन और शिमला का भी बढ़ा रेट
खुदरा मार्केट के सब्जी व्यापारियों ने बताया कि इस समय लहसुन और शिमला मिर्च और करैला व भिण्डी बाहर से ही आ रही है।
थोक मार्केट में फुटकर बिक्रेताओं को मंगलवार सुबह अच्छा लहसुन 390 से 400 रुपये में मिला है।
ऐसी स्थिति में यहां व्यापारी लहसुन को 400 व 410 रुपये में बेचने को विवश हैं। जबकि सिमला मिर्च आज खुदरा मार्केट में 90 से 100 में बिक रहा है।
दो तीन दिन पूर्व यही सिमला मिर्च यहां 60 से 70 रुपये केजी बिक रहा था। इन दुकानदारों की मानें तो थोक में उन्हें मंगलवार को भिण्डी 100 से 110 रुपये किलो पड़ी है।
इस लिए क्वालिटी के अनुरूप कुछ लोग भिण्डी 110 रुपये तो कुछ 120 रुपये किलो बेच रहे हैं।
करेला भी चालकों की बंदी के चलते और कड़वा हो गया है। दुकानदारों ने बताया कि खुदरा मार्केट में इसका रेट भी 100 से 110 रुपये किलो बेच रहे हैं।
थोक मण्डी में फुटकर व्यापारियों को भिण्डी क्वालिटी के अनुरूप 90 से 100 रुपये केजी खरीद पड़ी है।
लोकल मार्केट में मामूली होगी बढ़ोतरी
खुदरा यानी फुटकर सब्जी विक्रेता कहते हैं कि चालकों की इस बंदी का टमाटर, आलू, मूली, पालक, सागा प्याज, हरा लहसुन, जैसी अन्य तमाम सब्जियों पर बहुत असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि यह लोकल की होती हैं। जिसे किसान किसी न किसी तरीके हम व्यापारियों तक पहुंचा ही देते हैं। यदि इस बंदी के चलते पेट्रोल व डीजल के रेट हाई हुए तो सब्जियों को यहां तक लाना किसानों को महंगा पड़ेगा। ऐसे में जब किसान सब्जियों का रेट थोड़ा बहुत बढ़ाएंगे तो तभी इन हरी सब्जियों का दाम लोकल मार्केट के नाममात्र का बढ़ सकता है।