प्रयागराज (ब्यूराे)। डिप्टी सीएमओ डॉ। सुनील कुमार सिंह की जांच में जुटी पुलिस ने होटल विट्ठल में लगे कैमरों के डीवीआर को कब्जे में ले लिया है। उनकी मौत की तफ्तीश में जुटी पुलिस कई एंगल पर काम कर रही है। आखिर इतना इंपार्टेंट ऐसा कौन सा काम थे जिसके चलते उन्हें अवकाश के दिन भी वाराणसी से यहां आना पड़ा? इस सवाल को लेकर पुलिस के जेहन में कई तरह की आशंकाओं के ज्वार उठ रहे हैं। पुलिस के द्वारा जिसका जवाब तलाशा जा रहा है। देर शाम तक चली छानबीन में एक चीज तो स्पष्ट हो गई कि उनके पास सुसाइड की कोई वजह नहीं थी। पारिवारिक माहौल काफी खुशनुमा और आर्थिक रूप से पूरा परिवार समृद्ध है। शक है कि यदि उन्होंने सुसाइड किया है तो इसके पीछे विभाग से जुड़े मसले हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में अब पुलिस विभागीय लोगों से भी उनके कार्यों व परेशानियों को लेकर सवाल जवाब कर सकती है।
आर्थिक व पारिवारिक नहीं थी समस्या
पुलिस को मालूम चला है कि वर्ष 2022 के अगस्त महीने में उनका मीरजापुर से ट्रांसफर प्रयागराज के लिए हुआ था। मीरजापुर वाराणसी के करीब था लिहाजा यहां आने से पूर्व वह ऑफिस को लेकर बहुत प्रेसराइज्ड नहीं थे। कहा जा रहा है कि वह डा। सुनील यहां आने के बाद से ही गृह जनपद वाराणसी में ट्रांसफर की कोशिश कर रहे थे। अपने ट्रांसफर के लिए वह राजनीतिक पहुंच रखने वाले बड़े भाई नागेंद्र ङ्क्षसह से भी कह रखे थे। भाई राकेश उनके ट्रांसफर के लिए शासन स्तर से प्रयासरत थे। पारिवारिक कोई ऐसा मामला नहीं था जिसके चलते उनके जेहन में सुसाइड जैसी बात आए। हर समस्या का हंसते हुए हल खोजने में उन्हें महारत सी हासिल थी। परिवार काफी रिच है। अच्छी खासी प्रॉर्टी के साथ परिवार स्नातकोत्तर कालेजों का भी संचालन करता है। प्रयागराज में ड्यूटी के बावजूद उन्होंने यहां अस्थाई आवास भी नहीं लिया था। जरूरत पडऩे पर वे सिविल लाइंस के होटल विट्ठल में ही रुक जाया करते थे।
रोज वाराणसी से करते थे अप-डाउन
अब पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश में है कि आखिर वे हर रोज ड्यूटी के लिए वाराणसी से प्रयागराज का सफर क्यों किया करते थे। प्रभारी सीएमओ की मानें तो डॉ। सुनील कुमार के बड़े भाई नागेंद्र ङ्क्षसह ने बताया है कि वाराणसी स्थानांतरण के लिए शासन में प्रयास किया जा रहा था। आश्वासन भी मिला था लेकिन आत्महत्या का यह बहुत मजबूत कारण भी नहीं माना जा रहा है। डा। सुनील कुमार ङ्क्षसह यहां सिर्फ संचारी रोड के नोडल अफसर ही नहीं, मेडिकल बोर्ड के सदस्य भी थे। इसके अलावा फायर सेफ्टी के कार्यों का भी प्रभार उनके जिम्मे था।
हम खुद काफी हैरान हैं। डॉ। सुनील ङ्क्षसह मिलनसार और काफी खुश दिल इंसान थे। उनके सुसाइड के कारण पुलिस की विवेचना से ही मालूम चलेंगे। कभी किसी बात को लेकर उन्हें तनाव में भी हमने नहीं देखा।
डॉ। अशोक कुमार
प्रभारी सीएमओ