प्रयागराज (ब्यूरो)। वल्ली उल्ला के खिलाफ यहां चल रहा था केस सरायलीली उर्फ खोजापुर गांव से सम्बंधित है। कोर्ट में यहां पैरवी कर रहे डीजीसी बताते हैं कि 18 अप्रैल 2001 में उसके खिलाफ तत्कालीन फूलपुर प्रभारी निरीक्षक रहे नरेंद्र प्रताप सिंह ने केस दर्ज किया था। इस में वलीउल्ला, उसका भाई वसीउल्ला व ओबैद उल्ला एवं उजैर आलम को गिरफ्तार किया गया था। इन चारों के विरुद्ध धारा 121-ए, 122, 124 ए आईपीसी की धाराएं लगाई गई थीं। जेहाद के नाम पर क्षेत्र में पर्चा बंटवा कर सरकार व देश के खिलाफ लोगों को भड़काया था। राष्ट्र द्रोह व सरकार के खिलाफ प्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से युद्ध छेडऩे के प्रयास व युद्ध की तैयारी करने करने जैसी हरकतों को अंजाम दिया था। इस केस में अब तक कोर्ट में वलीउल्ला व उसके साथियों के खिलाफ कुल 23 गवाह पेश किए जा चुके हैं। जबकि अभियुक्त वलीउल्ला की ओर से सात गवाह अब तक अदालत के सामने आए हैं। अब इस मामले में कोर्ट ने सफाई व साक्ष्य के लिए 27 जून 2022 की डेट मुकर्रर की है। बताते हैं कि उसके सम्बंध आतंकवादी सलीम, सज्जाद उर्फ पप्पू से भी थे। हालांकि इन यह दोनों आतंकी लखनऊ में मार गिराए गए थे।
ब्लास्ट के लिए यहीं बनाया था कूकर बम
फूलपुर अपने गांव में रहकर ही वलीउल्ला वाराणसी संकट मोचन मंदिर व दशाश्वमेध घाट पर धमकाने की साजिश रचा था। इस पूरे सीरियल ब्लास्ट का मास्टर माइंड वलीउल्ला ही रहा। वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के लिए कूकर बम तैयार किया गया था। इसी कूकर बम से सात मार्च 2006 को उसके जरिए भोले बाबा की नगरी वाराणसी को दहला कर रख दिया था। इस धमाके में 18 लोग मारे गए थे और लगभग 76 लोग घायल हुए थे। अकेले संकट मोचन मंदिर में हुए ब्लास्ट से सात लोगों की जान गई थी और 26 लोग जख्मी हुए थे। वाराणसी में हुए धमाकों की गूंज सिर्फ यूपी ही नहीं पूरे देश में सुनाई दी थी। इस घटना के बाद नापाक पाकिस्तान आतंकी संगठन के इशारे पर काम करने वाले वलीउल्ला का नाम सुर्खियों में आया था। पुलिस द्वारा उसे फूलपुर से ही गिरफ्तार किया गया था। केस की सुनवाई वाराणसी में चल रही थी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर वाराणसी ब्लास्ट के इस प्रकरण को गाजियाबाद कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। जहां पर खूंखार देश द्रोही आतंकी साजिश रचने वाले वलीउल्ला को फांसी की सजा सुनाई गई है। गाजियाबाद कोर्ट द्वारा उसे सुनाई गई फांसी की सजा की खबर सुनते ही प्रयागराज के लोग वाराणसी ब्लास्ट की तस्वीरें याद सिहर उठे।
वलीउल्ला का एक केस यहां जिले की अदालत में भी विचाराधीन है। इस केस में भी उसे कम से कम आजीवन सजा हो सकती है। 27 जून की डेट कोर्ट द्वारा सफाई व साक्ष्य के लिए मुकर्रर की गई है। यह केस फूलपुर थाने से सम्बंधित है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी