प्रयागराज (ब्यूरो)। गुरुवार को धूमनगंज एरिया के भोला का पुरवा मोहल्ले में मार दी गयी गयी संगीता सोनी का बेसिकली मकान के विवाद से कोई रिश्ता नाता नहीं था। उसका मोह इतना था कि वह तीन साल से यहां रह रही थी। बेसिकली आरोपित की नीयत अपने सगे भाई के हिस्से की प्रापर्टी को लेकर खराब हो गयी थी। संयोग से संगीता उसी हिस्से में किरायेदार थी। अपने मकान मालिका का सपोर्ट उसे प्राप्त था तो वह मकान खाली करने के पक्ष में नहीं थी। यह प्रकरण थाने भी पहुंच चुका था। बताया जाता है कि एक बार पुलिस ने कार्रवाई करने के स्थान पर धूमनगंज पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता करा दिया था।

दो-चार केस में ही मिला साल्यूशन
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने घटना के बाद सिटी के थानों से लेकर यमुनापार-गंगापार एरिया के थानों में पिछले साल पहुंचे मकान मालिकों-किराएदारों का विवाद की शिकायत रिकॉर्ड निकाला गया तो सबसे ज्यादा शिकायतें सिटी के 16 थानों में प्राप्त हुई हंै। सिटी के 16 थानों में पिछले साल जुलाई से लेकर दिसंबर तक कुल 173 और यमुनापार-गंगापार के थानों से 39 शिकायतें प्राप्त हुई थी। जिसमें से दो-चार केस को छोड़कर सब केस ठंडे बस्ते में पड़ा है। सूत्रों की माने तो जिस राजस्व के मामले में किसी अफसर ने इंटरफियर कर दिया वही मामला साल्व हो पाता है।

समाधान दिवस का भी कोई मतलब नहीं
जब कभी भी मकान मालिकों-किराएदारों का विवाद थाने पहुंचता है तो पुलिस राजस्व का मामला कहकर टाल देती है। इस तरह के मामलों को सॉल्व करने के लिए शनिवार को समाधान दिवस आयोजित किया जाता है। इस दौरान राजस्व की टीम के साथ पुलिस विभाग मौजूद रहती है। फिर भी मामला ठंडा बस्ते में डाल दिया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि इन प्रॉपर्टी के चलते हो रही हत्या का आखिकार कौन जिम्मेदार है। प्रॉपर्टी के कागजात के अनुसार पुलिस व प्रशानिक अधिकारी साथ बैठ वक्त के साथ समाधान कर दें तो यह नौबत भी न आए।