रूम में पानी भरने से राजापुर, सलोरी, छोटा बघाड़ा से घर के लिए हुए पलायित

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बाढ़ के पानी से जिनके मकान चपेट में आए हैं सिर्फ वही नहीं परेशान हैं। यहां ऐसे मकानों में किराए पर रहकर पढ़ाई करने वाले सैकड़ों छात्र हलाकान हैं। सिर पर परीक्षाएं होने के बावजूद रूम में बाढ़ का पानी भरने से वह घर जाने को मजबूर हैं। छात्रों को भविष्य को लेकर चिंताएं सता रही हैं, विवशता यह है रूम में पानी के भर जाने से वह रह भी नहीं सकते। कुछ छात्र किसी तरह सेफ जोन में रह रहे दोस्तों के रूम में पेइंग गेस्ट बन गए हैं।

सस्ते के फेर में रास्ते का संकट

प्रयागराज में पढ़ाई और तैयारी करके भविष्य संवारने का सपना लिए हजारों छात्र यहां आते हैं। ज्यादातर स्टूडेंट रूम की तलाश राजापुर, सलोरी, छोटा बघाड़ा, गोविन्द पुर के तराई वाले मकानों में करते हैं। क्योंकि यहां उन्हें तीन से चार हजार रुपये में रूम मिल जाते हैं। जिसमें दो छात्र रहकर किराया आपस में शेयर कर लेते हैं। छात्रों को इस लिए रूम भी आसानी से मिल जाते हैं। मकान मालिक बहुत ज्यादा आईडी आदि को लेकर पूछताछ नहीं करते। इस लिए इन इलाकों में रह कर सैकड़ों छात्र पढ़ाई किया करते हैं। गंगा में आई बाढ़ की चपेट में सबसे ज्यादा यही राजापुर, छोटा बघाड़ा, सलोरी व गोविंद पुर के तराई वाले एरिया ही प्रभावित हैं। कमरे तक में पानी भर जाने से छात्र रूम छोड़ कर घर जाने को विवश हैं। जबकि उनके सिर पर बैंक समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं हैं। एक तरफ रूम की समस्या दूसरी ओर भविष्य की चिंता उन्हें टेंशन में डाल दी है।

राजापुर उचवागढ़ी नाला के उस पार रूम लिया था। रूम क्या पूरे मकान में पानी भर गया है। बीस तारीख को पेट परीक्षा भी है। इतनी जल्दी रूम बारिश में मिलेगा भी नहीं है। घर चले जाना ही एक मात्र विकल्प है। घर जा रहे हैं, अब वहीं से जाकर परीक्षा देंगे।

बंटू तिवारी, जौनपुर

हम सेफ रहेंगे तभी तो परीक्षा देंगे। रूम में पानी सीने तक भर गया है। परीक्षाएं निकट हैं लेकिन यहां रहकर पढ़ाई भी तो नहीं कर सकते। लिए घर जा रहे जब बाढ़ समाप्त होगा तब आएंगे।

नवीनराजभर, जौनपुर

आया तो एक दोस्त के जरिए राजापुर इस लॉज में रूम दिलाया गया। बेसमेंट में रूम मिला तो पर उसमें बाढ़ का पानी भर गया है। टाइल्स वगैर सब है पर पानी ही भर गया तो पढ़ाई क्या करेंगे। इस लिए घर जा रहे हैं।

उत्कर्ष मिश्रा, मीरजापुर

इतनी समय पढ़ाई छोडि़ए यह सोच रहे कि इस रूम में कैसे रहें। घर बताए तो पापा बोले कि वापस आ जाओ। इस महीने कई परीक्षाएं भी हैं। पैकिंग कर चुके हैं अब घर जाकर वहीं से पढ़ाई व परीक्षा देंगे। बाढ़ हटने पर आएंगे।

प्रिंस दुबे, चंदौली

इस महीने कई परीक्षाएं हैं सोचा था कि दिन रात एक कर देंगे। लेकिन रूम में बाढ़ का पानी भरने से सारी सोच पर पानी फिर गया है। घर जा रहा हूं। पानी भरे रूम में कुछ भी संभव नहीं है।

प्रकाश शुक्ला, राजापुर लॉज