प्रयागराज ब्यूरो । 26 जनवरी को सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में ध्वजारोहण के बाद अवकाश हो जाता है। इसके बाद लोग सपरिवार घूमने फिरने का आंनद लेते हैं। हालांकि इस बार शहरियों का मनपसंद स्नान पर्व बसंत पंचमी भी 26 जनवरी को पड़ रहा है, इसलिए प्रशासन ने एक करोड़ लोगों के माघ मेले में आने की संभावना जताई है। इसको लेकर तमाम तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। साथ ही अचानक मौसम में भी बदलाव हुआ है। दिन में धूप खिल रही है और ठंड का असर कम हुआ है। ऐसे में भी लोग घूमने फिरने और संगम में स्नान का आनंद लेंगे।
ज्ञान की देवी की होगी पूजा
बसंत पंचमी पर माना जाता है कि ज्ञान और संगीत की देवी माता सरस्वती का उस दिन जन्म हुआ था। इस दिन माता की विधि विधान से पूजा भी की जाती है। जिससे वह प्रसन्न होकर भक्त को जीवन में सफलता का वरदान भी देती हैं। इस दिन किसी मांगलिक कार्य की शुरुआत भी होती है। होलिका लगाने की शुरुआत भी बसंत पंचमी के दिन से ही होती है। स्कूलों में भी माता की पूजा अर्चना की जाती है। बसंत पंचमी से बसंत का मौसम शुरू हो जाता है और पेड़-पौधों पर निखार आने लगता है।
इस बार बन रहे चार शुभ योग
बसंत पंचमी पर इस बार संगम पर स्नान करना अधिक लाभदायी साबित हो सकता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार चार शुभ योग बन रहे हैं। इनमें शिव योग 26 जनवरी को सुबह 3.10 बजे से लेकर दोपहर 3.29 बजे तक रहेगा। सिद्ध योग शिव योग के समाप्त होते ही सिद्ध योग शुरू हो जाएगा। जो पूरी रात रहेगा। इस योग को बेहद शुभ माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग बसंत पंचमी को शाम 6.57 से लेकर अगले 7.12 बजे तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस योग में किए गए सभी कार्य सफल, संपन्न और सिद्ध होते हैं। रवि योग 26 जनवरी की शाम 6.57 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 7.12 बजे तक रहेगा। सूर्य देव की कृपा से इस योग किए गए सभी कार्यों में अमंगल दूर होते हैं। शुभता की प्राप्ति होती है। बसंत पंचती पर पीला वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।