प्रयागराज (ब्यूरो)। दो पालियों में कराई जाने वाली इस परीक्षा में कुल 21,65,179 अभ्यर्थियों को सम्मिलित होना है। पहली पाली की प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 2532 और दूसरी पाली की उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 1733 केंद्र बनाए गए हैैं। नकलविहीन परीक्षा के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव से लेकर शासन तक की नजर परीक्षा केंद्रों पर है। इसी कारण शासन ने केंद्र निर्धारण के लिए बनाई गई समिति में जिलाधिकारी को शामिल कर जिम्मेदार बनाया। इसके बाद जिलों ने पुनरावलोकन कर परीक्षा केंद्रों की जो सूची भेजी, उसमें प्रयागराज, जौनपुर, मथुरा, कानपुर नगर सहित करीब दो दर्जन जिलों ने कोई परिवर्तन नहीं किया। यह वह जिले हैैं, जहां नकल को लेकर पहले मामले सामने आ चुके हैैं।
ज्यादा परीक्षार्थियों के बैठने वाले स्थान ही बनाने थे सेंटर
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कोविड खतरे के बीच परीक्षा पर सवाल
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच यूपीटीईटी के आयोजन के औचित्य पर युवा मंच ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर प्रश्न उठाए हैैं। छात्रों से वर्चुअल संवाद कर युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने यह परीक्षा स्थगित करने को लेकर आम राय बताई है। उनके मुताबिक अमूमन आम राय थी कि जब शिक्षक भर्ती विज्ञापन का फिलहाल अतापता नहीं है, तब युवाओं की जिंदगी को खतरे में जानबूझकर क्यों डाला जा रहा है। कहा गया कि कोविड खतरे से निपटने के लिए स्कूल, कालेज में तमाम उपाय किए जा रहे हैं, इविवि की प्रवेश प्रक्रिया तक बंद कर दी गई है, तब 20 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के शामिल होने वाली परीक्षा में बसों, बस अड्डों आदि में कोविड गाईडलाइन का अनुपालन संभव नहीं है।