प्रयागराज ब्यूरो, करीब पांच घंटे तक साथी की मौत पर नाराज अधिवक्ता हॉस्पिटल में डटे रहे। वकीलों के गुस्से को देखते हुए डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ हॉस्पिटल छोड़कर भाग निकले। इससे हॉस्पिटल में एडमिट अन्य मरीजों को काफी परेशानी हुई। अधिवक्ता के भाई तरुण श्रीवास्तव की तहरीर पर पुलिस द्वारा हॉस्पिटल के डॉ। आलोक मिश्र व डॉ। मंजुल मिश्रा के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया। काफी प्रयास बाद अधिवक्ता शांत हुए तो पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेजा। परिजनों ने बताया कि पेट में दर्द होने के बाद उन्हें यहां भर्ती कराया गया था। अधिवक्ताओं की मांग थी कि मृतक साथी के परिवार को आर्थिक सहायता व आरोपित डॉक्टरों की गिरफ्तारी की जाय।
रसूलाबाद मेहंदौरी के थे निवासी
शिवकुटी थाना क्षेत्र के रसूलाबाद स्थित मेहंदौरी निवासी अधिवक्ता वरुण श्रीवास्तव के पिता लल्लू लाल श्रीवास्तव ने बताया 08 अक्टूबर को बेटे के पेट में दर्द था। दोपहर में दिक्कत बढ़ी तो करीब ढाई बजे छोटे बेटे तरुण श्रीवास्तव व अन्य परिजन उन्हें एसीई हॉस्पिटल सिविल लाइंस में एडमिट करा दिए। हॉस्पिटल के डॉक्टर मंजुल मिश्रा व डॉक्टर आलोक मिश्रा के अंडर में उनका ट्रीटमेंट शुरू हुआ। मृतक अधिवक्ता के भाई तरुण के मुताबिक डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वरुण की इण्डोस्कोपी कर ली गई है। घबराने वाली बात नहीं है, सब ठीक हो जाएगा। दूसरे दिन नौ अक्टूबर को अचानक डॉ। मंजुल मिश्रा द्वारा फिर इण्डोस्कोपी की गई। इसके बाद उन्होंने बताया कि आंत में टेपिंग कर दी गई है, पर मल द्वार से ब्लीडिंग होने लगी। यह देखकर वह और घर वाले इस बात की जानकारी डॉ। मंजुल व उनके साथी डॉक्टरों को दिए।
ज्यादा डाक्टरी मत करो
आरोप है कि इस पर उन्हें डांटते हुए डॉक्टर द्वारा कहा गया कि जितना पैसा दिए हो इलाज हो रहा है। ज्यादा डॉक्टरी मत करो। वरुण का ठीक से इलाज नहीं किया गया और ब्लीडिंग होती रही। बराबर परिजन डॉक्टर को स्थिति बताते हुए बुलाते रहे पर कोई देखने नहीं आया। पुलिस को दी गई तहरीर में तरुण ने कहा कि ब्लीडिंग होने के कारण उनके भाई अधिवक्ता वरुण श्रीवास्तव की सुबह 7.50 बजे हॉस्पिटल में मौत हो गई। आरोप है कि डॉक्टरों ने जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया।
तहरीर पर पुलिस लाइंस लाइंस ने आरोपित हॉस्पिटल के दोनों डॉक्टरों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया।
परिवार द्वारा अधिवक्ता के इलाज में डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। प्राप्त तहरीर पर आरोपित डॉक्टरों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
वीरेंद्र यादव, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस