पदभार ग्रहण करने के साथ विवादों को लेकर पूरे होम वर्क में दिखे नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत

कहा, आयोग की विश्वसनीयता बरकरार रखना हर सदस्य, अधिकारी व कर्मचारी का दायित्व

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में प्रतियोगियों की मांगों पर चर्चा की। श्रीनेत ने सदस्यों, अधिकारियों व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आयोग की ओर से आयोजित परीक्षाएं मेधावी युवाओं की आकांक्षाओं का केंद्र होती है। ऐसे में चयन में पूरी पारदर्शीता बेहद जरूरी है।

ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि पदभार ग्रहण करने के पहले उन्होंने पूरा होमवर्क किया था। जिससे आयोग में पद संभालने के बाद विवादों को खत्म किया जा सके और प्रतियोगियों की स्केलिंग, मॉडरेशन प्रक्रिया में धांधली के आरोप पर उन्हें संदेश दिया जा सके कि आयोग में पूरी पारदिर्शता के साथ कार्य होगा।

वíकग स्टाइल में बदलाव का दिया संदेश

नए अध्यक्ष ने कहा कि लोक प्रशासक के चयन, लोक प्रशासन और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों व तकनीक को आवश्यकता के अनुसार लागू करना प्रासंगिक है। इनके प्रयोग से आयोग की वìकग में तेजी होने के साथ ही साथ

पारदर्शिता में भी तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसकी प्रमाणिकता, विश्वसनीयता बरकरार रखना हर सदस्य, अधिकारी व कर्मचारी का दायित्व है।

अकादमिक शिक्षा को प्रशासन से जोड़ना चाहिए

इलाहाबाद यूनिवíसटी से ग्रेजुएट रहे श्रीनेत ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि अकादमिक शिक्षा को प्रशासन से जोड़ना चाहिए। शिक्षा वास्तविक अनुभवों और समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए। पश्चिमी देशों में स्कॉलर एडमिनिस्ट्रेटर की प्रचलित प्रथा का संदर्भ देते हुए कहा कि उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को अध्ययन, अध्यापन और शोध कार्य भी करते रहना चाहिए। अभ्युदय योजना इस दिशा में एक दूरदर्शी प्रयास है। जिससे विद्याíथयों के ज्ञान क्षितिज में विस्तार होगा। उन्होंने अधिकारियों कर्मचारियों से कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने की अपील की।