जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर शिक्षकों ने की नारेबाजी
शिक्षा के निजीकरण के विरोध में हुए मुखर, उठाई आवाज
ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने सोमवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर शिक्षा के बाजारीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद की। इलाहाबाद-झांसी के शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सरकार ने शिक्षा का निजीकरण कर इसके स्तर को गिराने का प्रयास किया है। शिक्षा को महंगा बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि व्यायाम शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई जाएगी।
हर पहलू पर असर
धरने में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य महेश दत्त शर्मा, डॉ। शैलेश कुमार पाण्डेय, अनय प्रताप सिंह व अजय सिंह ने भी विचार रखे। डॉ। शैलेश ने कहा कि पिछले दो दशकों में हुए वैश्वीकरण व निजीकरण ने शिक्षा व्यवस्था के हर पहलू को प्रभावित किया है। यह चिंताजनक एवं राष्ट्र निर्माण के दावेदार शिक्षक समुदाय के लिए चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2005 के पश्चात शिक्षकों की पेंशन कटौती मई माह से प्रारम्भ नहीं हुई तो परिस्थितियां विस्फोटक होंगी। धरने में जिलाध्यक्ष जंगबहादुर सिंह पटेल, मंडलीय अध्यक्ष रमेश चन्द्र शुक्ल, मंडलीय मंत्री प्रेमकांत त्रिपाठी ने स्थानीय मुद्दों पर प्रकाश डाला। समस्याओं के शीघ्र निराकरण न होने पर घातक परिणाम की चेतावनी दी।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
एक अप्रैल 2005 के पश्चात नियुक्त शिक्षकों की मई माह से पेंशन कटौती
अध्यापकों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा, महिला शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव मिले
विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षकों के पद सृजित कर शिक्षक नियुक्त किए जाए
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में छात्राओं के लिए शौचालयों का निर्माण
व्यावसायिक शिक्षकों का विनियमितीकरण किया जाए
सहायकों तथा लिपिकों के भर्ती पर लगी रोक समाप्त किया जाए
वित्त विहीन शिक्षकों को पूर्णकालिक घोषित कर शीघ्र मानदेय दिया जाए