प्रयागराज (ब्यूरो)। मंगलवार को आए यूपी बोर्ड के रिजल्ट में छोटे शहरों का बोलबाला रहा। हाईस्कूल और इंटर के टापॅर भी इन्ही शहरों से सामने आए। इंटर में महोबा के शुभ छाबड़ा ने पहला स्थान पाया तो हाईस्कूल में सीतापुर की प्रियांशी सोनी ने प्रदेश में पहली रैंक हासिल की। इसके अलावा इस साल पासिंग परसेंटेज की रैंकिंग की बात करें तो भी टॉप 20 में छोटे शहरों की भरमार रही है। बड़े शहरों का स्थान खिसककर नीचे चला गया है।
इन्होंने अपनी खींचा ध्यान
रिजल्ट की बात करें तो बाराबंकी से अनुष्का ने हाईस्कूल में प्रदेश में छठवां स्थान प्राप्त किया। हाईस्कूल सेकंड पोजीशन में दो छात्र कानपुर देहात और अयोध्या से रहे। नंबर तीन पोजीशन पर रहने वाले कृष्णा झा, अर्पित गंगवार और श्रेयशी सिंह क्रमश: मथुरा, पीलीभीत और सुल्तानपुर से रहे। टॉप टेन में रहे बाकी टॉपर अंबेडकर नगर, जौनपुर, सिदर्थ नगर, बरेली, उन्नाव, प्रतापगढ़, आजमगढ़, लखीमपुर खीरी, हरदोई और इटावा आदि जिलों से रहे। इसी तरह इंटर में टॉपटेन के छात्र भी ऐसे प्रदेश के छोटे जिलों से बिलांग करते रहे। इसके अलावा टॉपर एटा, हमीरपुर, फतेहपुर, गाजीपुर, फिरोजाबाद, हाथरस, बिजनौर, कन्नौज आदि जिलों से मिले हैं। इक्का दुक्का टॉपर, प्रयागराज, वाराणसी, अलीगढ़, कानपुर नगर, नोयडा, आगरा, मेरठ और अलीगढ़ आदि जिलों से सामने आए हैं। लेकिन 70 फीसदी टॉपर यूपी के छोटे जिलों से ही निकलकर सामने आए हैं।
इंटर में जमकर हुई फजीहत
यूपी के बड़े शहरों की इंटर के रिजल्ट में अधिक फजीहत हुई। पासिंग परेसेंटेज के हिसाब से देखा जाए तो टॉप 20 में केवल वारणसी को तीसरा, नोयडा को सातवीं, मेरठ को 13वीं और कानपुर नगर को 17वीं पोजीशन मिली है। प्रदेश में पहले नंबर पर अमरोहा जिला रहा है। दूसरे पर चित्रकूट फिर चित्रकूट, फतेहपुर, अमेठी, बिजनौर, शामली, मुरादाबाद टॉप टैन में शामिल रहे। प्रयागराज को 44वां स्थान हासिल हुआ है। यही हाल हाईस्कूल के रिजल्ट का रहा है। कानपुर, आगरा और प्रयागराज को छोड़ दें तो रामपुर, बस्ती, गोंडा, हापुड़, बागपत, सिद्धार्थ नगर, भदोही, संतकबीर नगर, संभल आदि टाप 20 में शामिल रहे। झांसी को 55वां, अलीगढ़ को 50वंा और वाराणसी को 48वां स्थान मिला है। यही नही रिजल्ट में वित्त विहीन स्कूलों का दबदबा कायम है। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के कम छात्र मेरिट में आए हैं। भारी भरकम बजट वाले स्कूलों का खाता भी नही खुल सका है।
इस बार यूपी बोर्ड के रिजल्ट में छोटे जिलों का परफार्मेंस बेहतर रहा है। उन्होंने बेहतर मिसाल पेश की है। पासिंग परसेंटेज बेहतर होनेे से छात्रों का मनोबल भी निश्चित तौर पर बढ़ा होगा।
दिव्यकांत शुक्ला, सचिव, यूपी बोर्ड