प्रयागराज ब्यूरो । मानसून आते ही बारिश शुरू हो गई है। इससे मौसम तो सुहावना हो गया, लेकिन एक और मुसीबत जन्म लेने लगी है। घरों में बारिश के सीजन में कीट-पतंगों का आना एक बड़ी समस्या है। अगर इनको नजर अंदाज किया तो यह कई संक्रामक बीमारियां फैला सकते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इन अनवांटेड गेस्ट्स बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

लाइट और पेड़ पौधे देखकर होते हैं आकर्षित

बारिश के सीजन में चीटी, मच्छर, तिलचट्टा और पतंगे खूब नजर आते हैं। क्योंकि इन्हे हवा में नमी और पानी बेहद पसंद होता है। इसकी वजह से अनुकूल मौसम में अचानक इनकी प्रजनन दर बढ़ जाती है और यह बड़ी संख्या में दिखने लगते हैं। इन कीट पतंगों को हरे पेड़ पौधे और लाइट भी काफी पसंद होती है। यही कारण है कि इन दोनों जगहों पर यह खूब नजर आते हैं। इसके अलावा जहां गंदगी होगी वहां पर भी यह सभी मिल जाएंगे।

फैलाते हैं घातक बीमारियां

कीट पतंगे बारिश के सीजन में कई तरह की बीमारियां फैलाते हैं। कई ऐसे कीड़े भी होते हैं जो त्वचा पर जहरीला पदार्थ छोड़ते हैं जिससे लोगों को जलन, घाव और खुजली होने लगती है। यही कारण होता है कि बारिश के सीजन में जमीन पर सोने से मना किया जाता है। यह कीड़े अधिकतर रेंगने और उडऩे वाले होते हैं। वही किचन में रखे खाना और पानी की संपर्क में आकर यह पेट की बीमारियां का कारण बनते हैं।

बचाव के तरीके

- घर के खिड़की और दरवाजे बारिश के सीजन में बंद रखना बेहतर

- जहां कीड़े लग रहे हों वहां पर प्याज, काली मिर्च का पावडर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।

- कपूर और नीम का तेल भी घर के तमाम जगहों पर स्प्रे किया जा सकता है।

- घर के पेड पौधे और बगीचे में साफ सफाई जरूर रखेें।

- फिनायल वाला पोछा पूरे घर में लगाएं।

- घर में कहीं भी पानी न एकत्र होने दें।

- बारिश के सीजन में हल्की लाइट का उपयोग करें, तेज रोशनी में अधिक कीट पतंग आकर्षित हो जाते हैं

- किसी एक्सपर्ट के जरिए घर में पेस्ट कंट्रोल भी करवा सकते हैं।

- घर की खिड़कियों में महीन जाली लगवाकर इनसे बचाव किया सकता है।

बारिश के सीजन में कीट पतंगों से बचना जरूरी है। कई बार यह घातक बीमारियों का कारण बन जाते हैं। इससे बचाव के लिए शरीर के साथ घर के प्रत्येक कोने में साफ सफाई रखना जरूरी है। बारिश का पानी एकत्र नही होने देना है। अगर कोई संक्रमण हुआ है तो डॉक्टर से तत्काल संपर्क करें।

डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन