इन रूटों के लिए हो रही डग्गामारी

30

से 35 गाडि़यां रोजाना प्रतापगढ़ रूट पर चल रही

40

से 42 गाडि़यां रोजाना लखनऊ रूट पर चल रही

60

से 65 छोटी कार व मैजिक दौड़ रही प्रतापगढ़ और रायबरेली रूट पर

23

से 25 गाडि़यां रोजाना दौड़ रही वाराणसी रूट पर

17

से 20 गाडि़यां रोजाना दौड़ रही जौनुपर रूट पर

30

से 32 गाडि़यां रोजाना दौड़ रही गोरखपुर रूट पर

35

गाडि़यां रोजाना दौड़ रही आजमगढ़ रूट पर

200

से अधिक पर-डे सिविल बस स्टैंड के पास से दौड़ रही डग्गामार वाहन

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- सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां, कोविड 19 गाइड लाइन का भी नहीं कर रहे पालन

- सिविल लाइन बस अड्डे के पास से बैठा रहे सवारी रोडवेज की घट रही आमदनी

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने सिविल लाइंस स्थित डिपो के बाहर किया रियलिटी चेक

PRAYAGRAJ: अनलॉक होते ही डग्गामार वाहनों की धमाचौकड़ी फिर शुरु हो गई है। इनके चलने से रोडवेज की आमदनी घट रही है। सड़कों के अलावा बस स्टैंड परिसर के बाहर ही डग्गामार वाहनों का कब्जा है। बिना परमिट टेंपो, वैन, मैजिक, मिनी बसें परिवहन विभाग को चपत लगा रही है। इनके परिचालक रोडवेज से कम किराया वसूलते हैं। इसकी भरपाई क्षमता से ज्यादा सवारियों को बैठाकर करते हैं। जिसके चलते कोविड-19 गाइड लाइन की धज्जियां उड़ रही है। यह हालात सिटी के सिविल लाइंस बस स्टैंड के बाहर की है। यह सब खेल आरटीओ प्रवर्तन और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से चलता है। जिसके चलते अब तक कोई बड़ी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया गया।

करीब 30 प्रतिशत घाटे का लग सकता है झटका

गुरुवार को जब दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने सिविल लाइंस स्थित डिपो के बाहर रियलिटी चेक किया। आलम है कि डग्गामार वाहन चालक सिविल लाइंस बस स्टैंड से दूर नहीं बल्कि रोडवेज बसों के आगे वाहन खड़ा कर सवारियों बैठा रहे थे। सिविल लाइंस डिपो के कर्मचारियों की माने तो चालक व परिचालक में आय दिन कहासुनी भी होता है। वाहनों के आड़े-तिरछे खड़े होने से जाम के हालात बने रहते है। इससे साफ है कि तमाम अभियानों के बाद भी कोई असर नहीं होता है। इन वाहनों के चलने से सिविल लाइंस डिपो की हालत पतली है। अगर इसी तरह से चलता रहा तो रोडवेज की 20 से 30 परसेंट तक आमदनी घाट जाएगी।

जरूरत से ज्यादा बैठाते हैं सवारी, नहीं होता पालन

सफर करने वाले यात्रियों को भी ध्यान देने की जरूरत है कि अभी कोरोना पूरी तरह से गया नहीं है। सिर्फ केसेस कम मिलने के चलते सरकार व प्रशासन ने ढील दे रखी है। अगर लापरवाही करते है तो खुद के साथ दूसरे की जिन्दगी को भी खतरे में डालने के काम कर रहे है। वहीं डग्गामार वाहन ज्यादा कमाने के चक्कर में कोविड नियम भूल गये हैं। धड़ल्ले से वाहनों में सवारी बैठाकर ले जाते हैं, जबकि सिविल लाइंस स्टैंड से कुछ दूरी पर पुलिस की मौजूदगी रहती है।

बराबर अभियान चलाकर कार्रवाई करते हैं। कई वाहन सीज किए गए है। फिर से इन्हें खदेड़ा जाएगा। बिना परमिट व बस स्टैंड के आसपास वाहन मिलने पर सीज किए जाएंगे।

अलका शुक्ला, एआरटीओ प्रवर्तन

डग्गामार वाहन के चलने से काफी नुकसान होता है। बस स्टैंड के बाहर या फिर चंद कदम की दूरी से बस खड़ी करके सवारियां बैठाना शुरू कर दिया है, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की गई है।

सीबी राम वर्मा, एआरएम सिविल लाइंस डिपो