Allahabad : इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के आर्ट फैकेल्टी कैम्पस में स्टूडेंट यूनियन प्रेसिडेंट कुलदीप सिंह केडी और उनके समर्थकों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर हंगामा काटा और बाद में सेंट्रल लाइब्रेरी के समक्ष फैकेल्टी के मेन गेट पर कई घंटे तक ताला जड़े रखा। जिससे वहां से आने-जाने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे पहले समर्थकों ने वाइस चांसलर के आफिस पर भी प्रदर्शन किया.
मानमनौव्वल के बाद हटे पीछे, खोला ताला
ट्यूजडे को केडी और उनके समर्थकों के हंगामें के दौरान उनकी वहां से आने जाने वाले टीचर्स से भी जमकर बहस हुई। चूंकि आर्ट फैकेल्टी कैम्पस में फोर व्हीलर वाहनों के आने जाने का एक मात्र यही रास्ता है। ऐसे में देर शाम एयू के बन्द होने के बाद काफी देर तक टीचर्स को बाहर निकलने के लिए केडी और उनके समर्थकों की मान मनौव्वल करनी पड़ी। इस बीच कैम्पस में सन्नाटा होते देख कुलदीप और उनके समर्थक प्रॉक्टर से बातचीत के बाद पीछे हटे और ताला खोला। प्राक्टर का कहना था कि वीसी की एबसेंस में वह कोई डिसीजन नहीं ले सकते.
इन मांगों को लेकर मचा हंगामा
कुलदीप की मांगों में टीचर्स का एप्वाइंटमेंट, कैम्पस में चलने वाली आपसी गुटबंदी को समाप्त करना, एग्जाम सेशन में होने वाले विलंब की समीक्षा करना, क्रेट के सेशन को नियमित करना, कैम्पस में शान्ति और सुरक्षा कायम करना जैसी छात्रों से जुड़ी मांगे शामिल थी। चेतावनी दी गई है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो आफिसर्स के कार्यालयों पर प्रदर्शन होगा.
मानमनौव्वल के बाद हटे पीछे, ला खोताला
ट्यूजडे को केडी और उनके समर्थकों के हंगामें के दौरान उनकी वहां से आने जाने वाले टीचर्स से भी जमकर बहस हुई। चूंकि आर्ट फैकेल्टी कैम्पस में फोर व्हीलर वाहनों के आने जाने का एक मात्र यही रास्ता है। ऐसे में देर शाम एयू के बन्द होने के बाद काफी देर तक टीचर्स को बाहर निकलने के लिए केडी और उनके समर्थकों की मान मनौव्वल करनी पड़ी। इस बीच कैम्पस में सन्नाटा होते देख कुलदीप और उनके समर्थक प्रॉक्टर से बातचीत के बाद पीछे हटे और ताला खोला। प्राक्टर का कहना था कि वीसी की एबसेंस में वह कोई डिसीजन नहीं ले सकते।
इन मांगों को लेकर मचा हंगामा
कुलदीप की मांगों में टीचर्स का एप्वाइंटमेंट, कैम्पस में चलने वाली आपसी गुटबंदी को समाप्त करना, एग्जाम सेशन में होने वाले विलंब की समीक्षा करना, क्रेट के सेशन को नियमित करना, कैम्पस में शान्ति और सुरक्षा कायम करना जैसी छात्रों से जुड़ी मांगे शामिल थी। चेतावनी दी गई है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो आफिसर्स के कार्यालयों पर प्रदर्शन होगा.
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