प्रयागराज (ब्‍यूरो)। स्वास्थ्य सेवाएं हर किसी के लिए जरूरी होती है। छात्रों के लिए यह और जरूरी हो जाती है क्योंकि छात्र अपना घर और परिवार छोड़कर यूनिवर्सिटी के छात्रावासों मे रहते हैं। उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ए एन झा हॉस्टल कैंपस में हेल्थ सेंटर स्थापित कर दिया है। इसका फायदा कर्मचारी और छात्र दोनो उठाते हैं। यह बेहतरीन पक्ष है तो इसका दूसरा पक्ष यह है कि यूनिवर्सिटी की तरफ से विंटर वेकेशन घोषित किये जाने के साथ यहां मिलने वाली सुविधाएं आलमोस्ट बंद हो चुकी है। वह भी तब जबकि हॉस्टल में छात्र इस दौरान भी मौजूद हैं और परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। वर्तमान में उनके पास प्राइवेट डॉक्टर के पास जाने के लिए अलावा कोई चारा नहीं है।

केवल प्राथमिक उपचार
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य केंद्र मे केवल प्राथमिक उपचार ही संभव है। छात्रों का कहना है की यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा मेडिकल के नाम पर उनसे 50 रूपए प्रति छात्र लिया जाता है। इसके बाद भी किसी छात्र को गंभीर समस्या हो जाए तो उसके लिए उसे प्राइवेट अस्पताल का रूख करना पड़ता है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और कर्मचारियों का कहना है की शीतकालीन अवकाश के चलते स्वास्थ्य केंद्र कई दिनों से बंद चल रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा इस स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर कि व्यवस्था भी की गई है। जो छात्रों एवं कर्मचारियों को परिक्षण करके दवाएं उपलब्ध कराता है। दवाएं स्वास्थ्य केंद्र के अंदर ही मिल जाती है। इसके छात्रों एवं कर्मचारियों से कोई फीस चार्ज नहीं की जाती है। छात्रों की फीस में जोड़कर ले लिया जाता है। शुक्र है की इतने दिनों तक स्वास्थ्य केंद्र बंद रहने के दौरान कोई छात्र गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ा, नहीं तो फिर लेने के देन पड़ जाते।

डॉक्टर जो दवाएं प्रिस्क्राइब्ड करते है वो दवाएं बाहर किसी मेडिकल स्टोर मे नहीं मिलती है। जिस वजह से छात्रों को समस्या हो जाती है दवाओं को मार्केट से लेने में।
अवनीश तिवारी छात्र एमए अंग्रेजी

प्राथमिक उपचार के साथ-साथ गंभीर बीमारियों के उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आपातकाल स्थिति में छात्र को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकी।
हर्षदीप छात्र एमए मध्यकालीन इतिहास