प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उमेश पाल और दो सरकारी गनर की सनसनीखेज तरीके से जीटी रोड पर गोलियां बरसाकर हत्या के करीब सवा दो महीने बाद एक और सीसीटीवी फुटेज बुधवार को वायरल हुआ। यह फुटेज 21 फरवरी का है। फुटेज से संकेत मिलता है कि शूटर्स ने इस दिन भी पूरी तैयारी के साथ जाल बिछाया था लेकिन एन वक्त पर पुलिस की गाड़ी आ जाने से शायद उन्हें अपना प्लान चेंज करना पड़ गया।

24 फरवरी को हुआ था मर्डर
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड 24 फरवरी की शाम करीब पौने पांच बजे जीटी रोड पर सुलेमसराय में अंजाम दिया गया था। हत्यारों ने गोली और बम बरसाकर पूरा इलाका दहला दिया था। कोर्ट से घर लौटे उमेश पाल के कार से उतरते ही शूटरों गोलियां और बम बरसाना शुरू कर दिया था। घटना में उमेश पाल और दो गनर मारे गए थे। आसपास के कैमरों की फुटेज से एक के बाद एक सभी शूटरों की पहचान हो गई। पता चला कि अतीक के बेटे असद ने करीबी अपराधियों के साथ वारदात की है।

पहुंच गये थे मौके पर शूटर
बुधवार को वायरल हुए वीडियो को चेक करने पर पता चला कि उमेश पर हमले की कोशिश पहले से हो रही थी। पूरी तैयारी के साथ 21 फरवरी को भी शूटर घर के बाहर उमेश पाल पर हमले की ताक में थे। उमेश शाम को कचहरी से रवाना हुए तो दो बाइक और एक कार में सभी शूटर सुलेमसराय में घटनास्थल पर पहुंच गए थे। सीसीटीवी फुटेज में दिखा है कि शाम 5.25 बजे उमेश की कार आने से पहले बाइक पर गुलाम और उस्मान (विजय चौधरी) पहुंचे। बाइक से उतरकर एक दुकान में चले गए। उमेश की कार आने पर उसके पीछे दूसरी बाइक पर गुड्डू मुस्लिम और अरमान तथा साथ में कार में दूसरे शूटर आए। उमेश कार से उतरकर घर की तरफ चले गए, उन पर हमला नहीं किया जा सका था। इसका कारण वहां से गुजरी पुलिस जीप को माना जा रहा है। उस जीप के पीछे एक और पुलिस जीप आई थी।

कचहरी से घर तक फैले थे अतीक के गुर्गे
अनुमान है कि शूटरों को कवर कर रहे अपराधियों ने फोनकर इन दो जीप के उधर जाने के बारे में अलर्ट कर दिया होगा। इसके बाद खतरा भांपकर उस दिन शूटआउट नहीं अंजाम दिया गया। जिस तरह से उमेश पाल की कार के आने से कुछ मिनट पहले गुलाम और उस्मान पहुंचे, उससे साफ है कि उमेश का कचहरी से ही पीछा कर रहे अपराधी लगातार लोकेशन बता रहे थे।