प्रयागराज ब्यूरो । मौत को कोई नहीं रोक सकता। चौकसी के बाद भी मध्यप्रदेश सतना के दो युवक सोमवार को संगम में समा गए। संगम स्नान की खुशी परिजनों में मातम में बदल गई। दोनों के शव की तलाश जारी है। जबकि दोनों के साथ डूबे एक अन्य युवक को बचा लिया गया। परिजन घटना से बदहवास हैं। जानकारी पर घरवालों का रो- रोकर बुरा हाल है।
सतना के कोलगवां थाना क्षेत्र के कृष्णानगर के रहने वाले सफाई कर्मी कामता प्रसाद का बेटा गोविंद अपने साथियों और परिजनों के साथ सोमवार सुबह संगम पहुंचा। कुछ आठ लोग प्राइवेट वाहन से आए थे। सभी स्नान करने लगे। इस दौरान गोविंद, साथी आदित्य और अमन एक साथ नहा रहे थे।
डीप बैरिकेडिंग पार कर गए थे
आगे डीप वॉटर बैरिकेडिंग लगी थी। मगर नहाने के दौरान तीनों बैरिकेडिंग पार कर गए। आगे पानी गहरा था। तीनों गहरे पानी में फंस गए। वे चिल्लाए तो जल पुलिस की निगाह उन पर गई। जल पुलिस के जवान तीनों करीब दौ सौ मीटर दूर थे। वे तेजी से आए और तीनों को बचाने के लिए गहरे पानी में गोता लगाया। इस दौरान अमन को पकड़ लिया। उसे बाहर निकाल लिया गया, मगर गोविंद और आदित्य गहरे पानी में गुम हो गए। गोताखोरों ने लगातार प्रयास किया मगर दोनों गहरे पानी में गुम हो चुके थे। इधर, गोविंद की मां माया और बहन रेख समेत अन्य परिजन रो-रोकर बेहाल हो गए। जानकारी पर इंस्पेक्टर दारागंज आशीष सिंह भदौरिया और चौकी प्रभारी संगम पवन कुमार सिंह पहुंचे।
तलाश में जुटे रहे गोताखोर
पुलिस ने गोताखोरों की टीम संगम में उतारी। जल पुलिस के अलावा कुछ मल्लाह भी पानी में उतरे। स्टीमर से भी दोनों के शव की तलाश शुरू हुई। स्टीमर से जल पुलिस छतनाग तक गई। इस दौरान कई जगह जाल भी डाले गए मगर दोनों का कोई पता नहीं चला।
गहरे पानी में खींच ले गई मौत
मध्यप्रदेश के लोगों में संगम स्नान का बहुत क्रेज है। पुण्य के नजरिए से वहां से बड़ी संख्या में लोग संगम स्नान के लिए आते हैं। गोविंद भी इसी वजह से परिवार और साथियों संग आया था। मगर उसे क्या पता था कि अब वह लौट नहीं पाएगा। यहां पर उसे मौत बुलाकर लाई है। परिजनों का कहना था कि घर से चलते वक्त पिता कामता प्रसाद ने सबको समझाया था कि आराम से दर्शन स्नान करके आना। मगर कामता को क्या पता कि अब उसका बेटा संगम से लौट कर नहीं आएगा। मां का हाल बहुत खराब था। वह रोने के अलावा कुछ बोल नहीं पा रही थी।
पानी की गहराई का नहीं लगा सके अंदाजा
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो घटना आठ बजे के आसपास की है। इस दौरान संगम में ज्यादा भीड़ नहीं थी। इक्का दुक्का लोग घाट के पास ही नहा रहे थे। कई परिवार भी थे.जो एक साथ नहा रहे थे। इस दौरान गोविंद भी अपने साथियों के साथ नहाने के लिए गया। काफी दूर तक पानी घुटने के बराबर ही है। ऐसे में वह घाट से दूर लगाई गई बैरिकेडिंग तक पहुंच गया। वहां पानी गहरा था। वह पानी की गहराई समझ नहीं पाया। तीनों बैरिकेडिंग के ऊपर चढ़ गए। इसके बाद आगे पानी कम गहरा समझ कर छलांग लगा दी। आगे यमुना का पानी था। तीनों कूदे तो एक साथ लेकिन इसके बाद वे बचाव के लिए चिल्लाते ही रहे।
एक सप्ताह में चार युवकों की डूबने से हो चुकी है मौत
गंगा और संगम में पिछले एक सप्ताह में डूबने से चार युवकों की मौत हो चुकी है। लगातार हुई घटनाओं से हरकत में आए पुलिस प्रशासन ने घाट पर रविवार को ही चेतावनी का बोर्ड लगवाया। साथ ही जल पुलिस ने निगरानी भी बढ़ा दी। मगर इसका कोई फायदा नहीं मिला। सोमवार को जलपुलिस के जवान सुबह से ही संगम क्षेत्र में स्टीमर और नाव से चक्कर काट रहे थे। नहाने वालों को माइक सिस्टम से ताकीद किया जा रहा था। पुलिस की सख्ती का कुछ नहाने वालों ने विरोध भी किया। मगर जल पुलिस की निगाहें चूक गईं। सारी चौकसी धरी रह गई। दो युवक डूब गए।