प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट पानी की टंकी के पास स्थित पुराने फ्लाईओवर पर दुपहिया वाहनों की आवाजाही को जारी रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि दोपहिया वाहनों का आवागमन रोका न जाए। यह आदेश चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की बेंच ने कमलेश सिंह व अन्य की तरफ से दाखिल पीआईएल निस्तारित करते हुए दिया है। याची की तरफ से अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा ने बहस की।

दुर्घटना की आशंका पर किया गया बंद
जनहित याचिका में मांग थी कि पुराने फ्लाईओवर पर आवागमन को रोका न जाए। पुराने फ्लाईओवर पर पिछले वर्ष यह कहते हुए वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई थी कि यह काफी पुराना हो चुका है और आवागमन होने से किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है। संबंधित अधिकारियों के इस आदेश को हाई कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी। याची की ओर से कहा गया कि संबंधित विभाग ने आवागमन रोक दिया है। पुराने फ्लाईओवर से शहर की एक तिहाई आबादी का आवागमन होता है। हाईकोर्ट के कई अधिवक्ता भी इसी रूट से आते जाते हैं। विभाग ने न तो पुल की मरम्मत का कोई प्रस्ताव रखा है और ना ही नए पुल बनाने का कोई प्रस्ताव तैयार किया है। इसलिए यहां से जब तक आवागमन की कोई व्यवस्था न हो जाए, तब तक पुराने पुल पर आवागमन को न रोका जाए।

पीडब्लूडी करता है पुल की केयर
हाई कोर्ट ने विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया था। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पुराने पुल पर दो पहिया वाहनों का आवागमन जारी रखा है। भारी वाहनों पर रोक लगाई है। संबंधित विभाग के जवाब पर कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी। इस फ्लाई ओवर पर 11 फरवरी को बैरिकेडिंग की गई थी ताकि चार पहिया वाहनों की आवाजाही नहीं हो सके। इसकी देखभाल लोक निर्माण विभाग करता है। जनवरी में इस फ्लाईओवर पर आवागमन रोके जाने की संस्तुति की गई थी। यह करीब पांच दशक पुराना है।