प्रयागराज (ब्यूरो) एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक नवेन्दु कुमार कुमार के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के गिरोह के सदस्यों को सर्विलांस के जरिए ट्रैक किया जा रहा था। गिरोह के दो सदस्य नकली नोटों की खेप लेकर यहां पहुंचे थे। यह पक्की सूचना मिलने के बाद गुरुवार को नैनी में जीसी कंपनी के पास घेराबंदी करके उन्हें दबोच लिया गया। पकड़े गए तस्करों में मदन लाल पुत्र दयाशंकर निवासी महेशपुर थाना लालगंज प्रतापगढ और बबलू चौरसिया पुत्र शंकर लाल चौरसिया निवासी थम्मन का पुरवा, कल्यानपुर थाना मऊआइमा शामिल हैं। पूछताछ में दोनों शातिरों ने कबूल किया कि वह एक साल से जाली करेंसी सप्लाई कर रहे हैं। 40 हजार रुपये असली नोट देने पर एक लाख की जाली करेंसी उन्हें मुहैया होती है।

पश्चिम बंगाल से लाते थे नोट
सीओ नवेन्दु कुमार के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के सरगना दीपक मंडल उसका रिश्तेदार सुभाष और बहनोई विश्वजीत सरकार पश्चिम बंगाल से नकली नोट लाकर यहां के कई रज्यों में सप्लाई करते हैं। इससे पहले एसटीएफ ने वर्ष 2015 में अच्छेलाल चौरसिया को करीब साढ़े सात लाख के नकली नोटों के साथ तथा वर्ष 2019 में करीब ढाई लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि जेल से छूटने के बाद यह गिरोह फिर से नोटों की सप्लाई करने लगता है। अबकी बार यह यूपी के बजाय दूसरे राज्यों में जाली करेंसी पहुंचा रहे थे।

गिरफ्तार अभियुक्त
मदन लाल हरिजन पुत्र स्व। दयाशंकर, निवासी महेशपुर, लालगंज, प्रतापगढ़
बबलू चौरसिया पुत्र स्व। शंकर लाल चौरसिया, निवासी थम्मन का पुरवा, कल्यापुर, मऊआइमा, प्रयागराज

बरामदगी
3,40,000 रुपये भारतीय जाली मुद्रा 'दो हजार रूपये के 170 नोटÓ
एक अदद आधार कार्ड
एक अदद डेबिट कार्ड
दो अदद मोबाइल
एक अदद ट्रेन टिकट 8 अगस्त प्रयागराज से कटिहार
नगद 3,300 रूपया

नगर क्षेत्र में आपराधिक अभिसूचना संकलन किया जा रहा था। इसी दौरान मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि भारतीय जाली मुद्रा के साथ दो व्यक्ति जीसी कम्पनी रोड से मुख्य मार्ग की ओर पैदल आ रहे हैं। इस पपर मदन लाल व बबलू चौरसिया को गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर आगे की पड़ताल की जाएगी।
नवेन्द्र सिंह सीओ, एसटीएफ