प्रयागराज ब्यूरो । 2025 में होने वाले महाकुंभ के दौरान गंगा की दो धाराएं आयोजन में बाधा न बनें इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। गुरुवार को कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने इसको लेकर सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के साथ बैठक कर लंबी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस बार महाकुंभ में गंगा की धाराओं से समस्या उत्पन्न हुई तो इसका उपाय रिवर चैनेलाइजेशन और ड्रेजिंग के जरिए कराया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में रुड़की आईआईटी और एमनएनआईटी के विशेषज्ञ भी अहम भूमिका निभाएंगे। यह सभी हाइड्रोलिक स्टडी करेंगे, जिसके आधार पर रिवर चैनेलाइजेशन (तटीकरण) तथा ड्रेङ्क्षजग का कार्य कराया जाएगा।
क्यों हुई रिवर चैनेलाइजेशन की आवश्यकता
कुंभ या माघ मेला के आयोजन के दौरान गंगा की दोनों धाराओं के चौड़ा हो जाने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे होने वाले कटान से जमीन आवंटन में दिक्कत होती है। पांटून पुल के खिसकने की संभावना रहती है। घाटों पर कीचड़ होने लगता है। कटान के प्रभाव में आने से टेंट और पांडाल भी अपनी जगह से खिसकने लगते हैं। इन परेशानियों को दूर करने के लिए इस प्रोजेक्ट को तैयार कराया जा रहा है। यह भी बता दें कि गंगा और यमुना में लगभग 100 करोड़ रुपये से सात पक्के घाट बनाए जा रहे हैं। इन घाटों के पास जल का प्रवाह बना रहे, इसके लिए भी यह प्रोजेक्ट काम करेगा। साथ ही नावों के संचालन में सुगमता होगी।
टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश
बैठक में कुंभ मेला अधिकारी ने बताया कि लिए दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड की रिवर चैनेलाइजेशन एजेंसियां भी बुलाई जाएंगी। कुंभ मेलाधिकारी ने सात रिवर फ्रंट टाइप सड़कों के साथ सभी सात स्नान घाटों का कार्य शुरू कराने के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी कराने के निर्देश दिए। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के उच्चीकरण पर भी चर्चा की गई। इस मौके पर नगर आयुक्त सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने रिवर चैनलाइजेशन को लेकर अपने सुझाव भी दिए।
सिक्सलेन पुल को बताया मेले की लाइफ लाइन
बैठक के बाद कुंभ मेला अधिकारी ने कुंभ को लेकर चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने गंगा पर बन रहे फाफामऊ सिक्सलेन पुल को कुंभ मेला की लाइफ लाइन बताया। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण पर फोकस किया जाना चाहिए। कहा कि इस निर्माणाधीन पुल को किसी भी हाल में कुंभ से पहले तैयार करा लिया जाए। शुक्रवार को वह एनएचएआइ व पुल निर्माण कंपनी के अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा भी करेंगे। इसके बाद उन्होंने फाफामऊ क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान फाफामऊ-सहसों मार्ग के निर्माण की प्रगति देखी। उन्होंने फाफामऊ बाजार के बाहर बाईपास स्थल का प्रस्ताव बनाने को कहा। यह बाईपास फाफामऊ बाजार के बाहर से बनेगा जो सहसों मार्ग से कनेक्ट होगा। जिसकी वजह से श्रद्धालु आसानी से मेला पहुंच सकेंगे और जाम की समस्या से छुटकारा भी मिलेगा।