प्रयागराज (ब्यूरो)। थाना धूमनगंज के राजरूपपुर निवासी अजेंद्र यादव प्रापर्टी डीङ्क्षलग का काम करता था। बताते हैं कि रविवार की रात कहीं से घर पहुंचा। बगैर किसी से कुछ बात किए अपने कमरे में चला गया। सोमवार सुबह वह कमरे से बाहर नहीं आया। इस पर घर वाले उसे आवाज देने लगे। कोई जवाब जब नहीं मिला तो उसकी मां पड़ोस में रहने वाले चचेरे भाई अखिलेंद्र को खबर दी। अखिलेंद्र पहुंचा और दरवाजे को धक्का दिया, अंदर से बंद होने के कारण दरवाजा नहीं खुला। इस पर उसे तोड़ा गया तो कमरे में लटक रही उसकी बॉडी को देख सभी चीख पड़े। सूचना पर पहुंची पुलिस कमरे की छानबीन की मगर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। अजेंद्र के सुसाइड का कुछ कारण पुलिस को परिजन भी नहीं बता सके। पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक घर लौटते समय रास्ते में किसी दुकान पर उसका विवाद हुआ था। थाना प्रभारी राजेश मौर्य ने बताया कि बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया है। सुसाइड का कारण स्पष्ट नहीं हो सका।

परिवार का भी नहीं किया खयाल
दारागंज स्थित कच्ची सड़क कपूर बस्ती निवासी राजन वाल्मीकि शहर में ही प्राइवेट काम किया करता था। बताते हैं कि रविवार रात काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं निकला। पत्नी लक्ष्मी उसे आवाज दी, पर उसका कोई जवाब उसे नहीं मिला। दरवाजा बंद था लिहाजा पत्नी खिड़की से झांक कर कमरे में देखी तो चीख पड़ी। पति राजन की बॉडी कमरे में फांसी के फंदे से लटक रही थी। मामले में दारागंज पुलिस ने कहा कि कोई सुसाइड नहीं मिला है। बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया है। फांसी लगाकर सुसाइड करने से पूर्व उसे एक दफा परिवार की परवरिश का भी खयाल नहीं आया। उसके बाद परिवार का क्या होगा यदि सोच लेता तो शायद यह कदम नहीं उठाता।