प्रयागराज ब्यूरो । संगम की रेत पर माघ मेला की तैयारी कच्छप गति से चल रही है। पिछले दिनों पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर ने निरीक्षण करके जिम्मेदारों कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। हाल ही में हुई अफसरों की बैठक में पांटून पुल के निर्माण का कार्य बीस दिसंबर तक पूरा करने को कहा गया था। बीस दिसंबर में महज दो दिन ही शेष हैं। बावजूद इसके माघ मेला क्षेत्र में पांटून पुल का निर्माण अधर में ही है। मेला क्षेत्र में गंगा नदी पर कुल पांच पांटून पुल का निर्माण किया जाना है। इनमें महाबीर, त्रिवेणी और काली सड़क एवं होल्ड जीटी व गंगोत्री पांटून पुल शामिल हैं। अब तक केवल एक पांटून पुल महाबीर ही पूर्ण रूप से चालू हो सका है। शेष चार पांटून पुल का काम अब भी पूरा नहीं हुआ है। जबकि बैठक में पुल के निर्माण को पूरा करने के लिए तय की गई बीस दिसंबर की डेट बीतने में महज दो दिन ही बचे हैं। माघ मेला क्षेत्र में पांटून पुल के निर्माण में जुटे लोगों के दावे हैं कि एक दो दिन में कम्प्लीट हो जाएंगे। हालांकि तीन पांटून पुल का काम काम दी गई डेड लाइन पर पूरा हो पाना संभव नहीं है।

बिजली व पानी का भी काम अधूरा
गंगा का बहाव दारागंज साइड है। पांटून पुल से ही होकर माघ मेला बसाने के लिए गाडिय़ों व कर्मचारियों को झूंसी साइड जाना है। अभी तक सिर्फ एक ही पांटून पुल चल सका है। ऐसे में झूंसी किया जाने वाला मेला का काम काफी धीमा है। पीडब्लूडी के जरिए चकरप्लेट बिछाने का काम काफी हद तक पूरा कर लिया गया है। मगर बिजली के लिए पोल व पानी के लिए जल निगम द्वारा पाइप बिछाने के काम की स्थिति काफी बदतर है। इसके पीछे झूंसी साइड गंगा के पाट में जगह- जगह दलदल को कारण बताया जा रहा है।

माघ मेला में जवानों ने किया श्रमदान
माघ मेला क्षेत्र में पुलिस लाइंस बन कर तैयार हो चुका है। रविवार को मेला पुलिस एसपी व पुलिस के जवानों द्वारा श्रमदान किया गया। एसपी माघ मेला आदित्य शुक्ला के जरिए अपने कार्यालय में झाड़ू लगाकर सफाई की गई। इसी तरह अपर पुलिस अधीक्षक माघ मेला निवेश कटियार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी उमेश गौतम व अन्य तमाम जवान पुलिस लाइंस से लेकर निर्माणाधीन थानों में झाड़ू लगाकर साफ सफाई की गई। पुलिस अधीक्षक माघ मेला द्वारा जवानों का हौसला बढ़ाया गया। कहा कि पुलिस की नौकरी में माघ मेला ड्यूटी करने वाले जवान किस्मत के धनी हैं। क्योंकि ड्यूटी के साथ मां गंगा व संगम की सेवा का मौका मिलता है। इससे ड्यूटी तो होती ही है साथ में एक महीने तक पब्लिक के साथ मां गंगा की सेवा करके पुण्य लाभ भी अर्जित होता है। इस लिए आस्था की इस धरती पर किया जाने वाला श्रमदान भी पुण्य लाभ देने वाला है।