प्रयागराज ब्यूरो । गंगा में दोस्तों संग स्नान करने गए एक परिवार के दो चिराग हमेशा के लिए बुझ गए। स्नान करते समय आयुष (11) व सगा भाई अविनाश (09) की गंगा में डूबने से मौत हो गई। आंखों के सामने दोनों को डूबते हुए देखकर साथ रहे दोस्तों ने बचाने की कोशिश की। बचाने के सारे इल्म बेकार दिखाई दिए तो दोस्त सहम गए। वह भागकर घर पहुंचे बगैर परिजनों से कुछ बताए डर के मारे सो गए। सोमवार की सारी रात परिजन दोनों को खोजकर थक गए। इसके बाद जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस छानबीन शुरू की तो साथ रहे दोस्तों के बारे में मालूम चला। दोनों के दोस्तों से पुलिस पूछताछ शुरू की तब घटना की जानकारी हुई। पता चलते ही मंगलवार को पहुंची जल पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों भाइयों की बॉडी बरामद की गई। बॉडी को देखते ही परिवार में मातम पसर गया। पुलिस द्वारा बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। दिल दहला देने वाली यह घटना शहर के कैंट थाना क्षेत्र की है।

जल पुलिस ने बरामद की बॉडी
कैंट के मऊ कछार अशोक नगर निवासी राजूपाल दुग्ध उत्पादन के लिए मवेशी पाल रखे हैं। वह घर-घर जाकर दुग्ध का व्यापार करते हैं। बताते हैं कि उनके तीन बेटों में मझला आयुष छठवीं तो छोटा बेटा अविनाश चौथी कक्षा का छात्र था। अशोक नगर स्थित स्वामी विवेकानंद स्कूल के छात्र दोनों भाई पढऩे में काफी अच्छे थे। सोमवार दोपहर बाद आयुष छोटे भाई अविनाश व मोहल्ले के ही तीन अन्य साथियों के साथ गंगा नहाने गया था। वह पांचों निमार्णाधीन सिक्स लेन पुल और रसूलाबाद घाट के बीच में गंगा में स्नान कर रहे थे। नहाते हुए पानी में अठखेलिया कर रहे आयुष और अविनाश गहरे पानी में चले गए। पानी का बहाव काफी तेज होने के कारण दोनों संभल नहीं सके और डूबने लगे। दोनों तो डूबते देखकर साथ रहे दोस्त शोर मचाते हुए बचाने की कोशिश करने लगे। उनके द्वारा दोनों को बचाने के लिए की गई हर कोशिश नाकाम रही। देखते ही देखते दोस्तों की आंख के सामने दोनों भाई पानी में समा गए। इसके बाद साथी घर पहुंचे और डर के मारे में वह परिजनों को कुछ नहीं बताए। देर रात तक जब दोनों सगे भाई घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। कहीं कुछ पता नहीं चलने पर वह जानकारी पुलिस को दिए। मंगलवार को कैंट थाने के इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे छानबीन शुरू किए। साथ रहे दोस्तों के बारे में मालूम चला तो पुलिस उनसे पूछताछ शुरू की। दोनों के दोस्तों ने पुलिस को सारी घटना बताई। इसके बाद फौरन इंस्पेक्टर के द्वारा जल पुलिस को बुलाया गया। जल पुलिस प्रभारी जनार्दन साहनी टीम के साथ गंगा में दोनों की तलाश शुरू किए। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद दोनों भाइयों की बॉडी बरामद की गई। शाम को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों द्वारा दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि आयुष अक्सर अपने साथियों के साथ नहाने के लिए गंगा में जाया करता था। उसके कुछ साथी तैरना भी जानते हैं। हालांकि जिस जगह स्नान कर रहे थे, वहां कटाव होने के कारण पानी का तेज बहाव था। ऐसे में दोनों भाई गहरे पानी में चले गए और फिर बाहर नहीं निकल सके।