- संस्कार भारती के उत्सव के नौवें दिन दिखी देश के लोक सांस्कृति के समृद्धि की झलक
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PRAYAGRAJ: संस्कार भारती के सांस्कृतिक उत्सव 'अवलोकन तीरथराजु चलो रे' के नौवें दिन चार राज्यों त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम और कश्मीर के लोक कलाकरों ने देश के समृद्धशली लोक संस्कृति की शानदार प्रस्तुति दी। इस दौरान लोकनृत्यों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया और देश के विभिन्न अंचलों की समृद्ध लोक-संस्कृति से परिचय कराया। सोमवार की शाम की शुरुआत कश्मीर के पुंछ जिले से आए दृष्टि बाधित लोक कलाकार नज़ीर हुसैन के कश्मीरी लोकगीत 'तुसी निका निका हंसते हो' से हुआ। इसके बाद उन्होंने गुलाम अली की शानदार गजल 'हम तेरे शहर में आए है'ं मुसाफिर की तरह की प्रस्तुति देकर माहौल को खुशनुमा बना दिया।
आखिर में उन्होंने सूफी कलाम दमादम मस्त कलंदर गीत की प्रस्तुति से समापन किया। इसके बाद कश्मीर की महिला कलाकारों ने देशगीत ये देश है वीर जवानों का। गीत की प्रस्तुति दी। इसके बाद उन्होंने एक पहाड़ी डांस की प्रस्तुति दी।
हौजागिरी डांस ने जीता दिल
त्रिपुरा के दक्षिण अगरतला जिले से पांचाली देववर्मन के नेतृत्व में आए लोक कलाकारों के दल ने हौजागिरी डांस की मोहक प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद असम के गुवाहाटी जिले से आए लोक कलाकारों ने बैसाखी बिहु पेश कर दर्शकों की वाहवाही लूटी। आखिर में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले से आए लोक कलाकारों के दल ने लम्बाडी नृत्य पेश किया।