- घाट पर चिता लगाने व बॉडी
जाने का करता था काम, झुग्गी बना पुल के नीचे रहता था बिहारी
बॉडी जलाने में मिले रुपयों को लेकर हुआ था विवाद, दोस्त सहित हिरासत में तीन लोग
PRAYAGRAJ: फाफामऊ घाट पर बॉडी जलाने में मिले रुपयों को लेकर हुए विवाद में दोस्त द्वारा संजय उर्फ पकौड़ा (30) की हत्या कर दी गई। शनिवार रात चिता में लगने वाली एक लकड़ी व त्रिशूल से कत्ल की वारदात को अंजाम दिया गया। मौत के घाट उतारा गया युवक घाट पर बॉडी जलाने का काम करता था। रविवार सुबह घाट पर ढाल के पास पुल के नीचे खून से लथपथ संजय की बॉडी देख लोग सन्नाटे में आ गए। मामले की जानकारी होते ही घाट के दुकानदारों की भीड़ लग गई। लोगों ने इस सनसनीखेज वारदात की खबर पुलिस को दी। फाफामऊ इंस्पेक्टर फोर्स के साथ मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। मुआयना के बाद पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। कत्ल में प्रयुक्त त्रिशूल व लकड़ी आदि पुलिस ने बरामद कर लिया है। हत्या के इस केस में तीन शख्स हिरासत में लिए गए हैं। तीनों से देर रात तक पुलिस पूछताछ में जुटी रही।
कोरोना काल में आया था संजय
मारा गया संजय उर्फ पकड़ा कोरोना संक्रमण काल में यहां घाट पर आया था। यहां वह कोरोना से मरने वालों की बॉडी जलाने का काम करने लगा। वह मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का बताया गया। उसके सिवा परिवार का यहां और कोई दूसरा शख्स नहीं रहता था। अकेले ही घाट पर ढाल के पास ब्रिज के नीचे लकड़ी टाल के पीछे झुग्गी बना कर रहता था। कोरोना से मरने वालों की बॉडी घाट पर जाना बंद हुई तो भी वह यहां से नहीं गया। उसके साथ घाट पर यही काम तेलियरगंज रसूलाबाद का ईश्वरचंद्र उर्फ कड़कू भी किया करता था। बताते हैं कि शनिवार रात संजय और ईश्वरचंद्र दारू पिए थे। संजय काफी शराब पिया था।
रुपयों के बंटवारे के बाद ईश्वरचंद्र से उसका कुछ विवाद हुआ था। विवाद में दोस्त ईश्वरचंद्र उसे धमकी दिया था। घाट पर रहे लोग बीच बचाव किए तो दोनों शांत हो गए। संजय पुल के नीचे झुग्गी में सोने चला गया। रात में झुग्गी में ही पुल के नीचे संजय की हत्या कर दी गई। पुलिस को बॉडी से थोड़ी दूरी पर खून लगा हुआ एक त्रिशूल के आकार का शरिया व चिता में लगने वाली लकड़ी मिली। जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया। इसके बाद उसकी बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। परिवार किसी भी सदस्य के न होने की वजह से बॉडी का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। सोमवार को उसकी बॉडी के पोस्टमार्टम की बात कही गई है।
पूछताछ में सामने आया कत्ल का राज
घाट पर हुए इस मर्डर केस की पड़ताल में जुटी पुलिस को संजय के दोस्त व ईश्वरचंद्र उर्फ कड़कू में हुए विवाद की जानकारी हुई।
पुलिस ने ईश्वरचंद्र को हिरासत में लेकर अपने तरीके से मौके पर पूछताछ की। काफी देर तक ईश्वरचंद पुलिस को गुमराह करता था।
पुलिस के मुताबिक वह बताया कि नशे में उससे गलती हो गई।
पीने के बाद शनिवार की रात भी रुपयों को लेकर दोनों में कहासुनी हुई थी। जब संजय सो रहा था तो उसके सिर पर हरिश्चंद्र पहले लकड़ी से जोरदार प्रहार किया।
फिर पास के एक मंदिर में मौजूद त्रिशूल नुमा शरिया से प्रहार कर दिया। इसके बाद वहां से वे चला गया।
फिलहाल पुलिस हरिश्चंद्र व उसके द्वारा बताए गए दुकान पर काम करने वाले दो युवकों हिरासत में ले लिया है।
थाने पर हुई पूछताछ में पुलिस को मालूम चला कि दुकान पर काम करने वाले युवकों से भी उसका विवाद हुआ था।
इसी लिए वह उन दोनों का भी नाम ले लिया था। फिलहाल पुलिस मामले की सच्चाई का तला लगाने में देर रात तक जूझती रही।
नशे में न होता तो बच जाती जान
मौत के घाट उतारा गया संजय उर्फ पकौड़ा यदि नशे में न होता तो उसकी जान बच जाती। घाट के लोग कहते हैं कि हरश्चिंद्र काफी वृद्ध है। उसकी उम्र करीब 60 वर्ष के आसपास है। जबकि संजय अभी युवा था व उसकी उम्र भी 30 वर्ष के करीब थी। यदि वह नशे में न होता और जाग रहा होता तो शायद हरिश्चद्र इस वारदात को अंजाम न देता।
पहले भी जेल जा चुका है हरिश्चंद्र
संजय मर्डर केस की जांच कर रहे फाफामऊ थाने दरोगाओं की मानें तो हिरासत में लिया गया हरिश्चिंद्र कत्ल के केस में पहले भी जेल जा चुका है। रसूलाबाद तेलियरगंज निवासी हरिश्चंद्र की तीन बेटियां हैं। तीनों शादी के बाद अपने घर ही रहती हैं।
घाट पर बॉडी जलाने में मिले रुपयों को लेकर हुए विवाद में युवक की हत्या की गई है। हिरासत में लिए गए उसके साथ बॉडी जलाने वाले एक शख्स ने गुनाह कबूल किया है। त्रिशूल नुमा सरिया व घटना में प्रयुक्त लकड़ी बरामद कर ली गई है। कोरोना काल में वह अकेले आया था। परिवार से संपर्क की कोशिश की जा रही है।
बीरेंद्र सोनकर, इंस्पेक्टर फाफामऊ