प्रयागराज (ब्यूरो)। डॉ। अनुभा ने कहा कि ट्रिपल टी से डायबिटीज पर लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि रोग को टेस्ट कराने के बाद उसे ट्रैक करना जरूरी है। एक बार पहचान में आने के बाद उसका ट्रीटमेंट शुरू कराने से डायबिटीज को बढऩे से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फाउंडेशन एवं डब्ल्यूएचओ ने 1991 में 14 नवंबर को वल्र्ड डायबिटीज डे घोषित किया था.उन्होंने कहा कि डायबिटीज एक जटिल समस्या है और यह नई महामारी के रूप मे उभर रही है। इस बीमारी में ब्लड शुगर की मात्रा बढ जाती है। इसके पहले मार्निंग में निकाली गई साइकिल रैली का संचालन खेल सचिव डॉ। अतुल दुबे और डॉ रितु जैन ने किया। वैज्ञानिक कार्यशाला की अध्यक्षता एएमए अध्यक्ष डॉ। सुजीत सिंह ने की।
टाइप टू डायबिटीज में बढ़ोतरी
उन्होंने बताया कि 2019 में 46.3 करोड़ लोग विश्व में डायबिटीज से पीडि़त थे और इसमें से 7.7 करोड़ लोग केवल भारत में पाए गए हैं। यंग डायबिटिक यानी कम उम्र में ही हमे टाइप टू डायबिटीज के मरीज में बढ़ोतरी हो रही है। टाइम वन डायबिटीज में ज्यादातर बच्चों एवं युवाओं में देखी जाती है। टाइप टू में अधिकतर मामले बढ़ती उम्र, मोटापे और वंशानुक्रम या पहले से होते हैं। उन्होंने कहा कि शुगर अनियंत्रित होने पर उसमें 2 से 4 गुना अधिक दिल और गुर्दे को समस्या हो सकती है। आखों पर एवं नसों पर भी प्रभाव पड़ता है। खानपान उचित और रोजाना 30 से 45 मिनट व्यायाम कर डायबिटीज को हराया जा सकता है। सेमिनार में डॉ। शार्दूल सिंह, डॉ आरकेएस चौहान, डॉ। अशोक अग्रवाल, डॉ। अनिल शुक्ला, डॉ। अनूप चौहान आदि उपस्थित रहे। संचालन सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता ने किया।
कपंनी बाग में किया जागरुक
सुबह 7 से 10 बजे तक प्रयागराज रॉयल्स क्लब एवं शार्प साइट आई हॉस्पिटल के द्वारा कंपनी बाग के गेट नंबर एक पर निशुल्क जांच शिविर का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 450 से अधिक लोगों ने शुगर, बीपी व आंखों की निशुल्क जांच करा कर लाभ उठाया। सिविल लाइंस सुभाष चौराहा पर पैदल मार्च निकालकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रयागराज रॉयल्स क्लब के अध्यक्ष नीरज जयसवाल ने किया। संचालन आशुतोष सिंह व अनिल गुप्ता ने किया। शार्प साइट की तरफ से प्रमुख रूप से सेंटर मैनेजर अभिषेक कुमार असिस्टेंट मैनेजर मार्केटिंग सौरव गुप्ता ऑप्टोमेट्रिस्ट योगिता गुप्ता, शालिनी केसरवानी आदि उपस्थित रहे।