प्रयागराज (ब्यूरो)। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त बहुत दूर नहीं है। हर व्यक्ति के दिल में देश की आजादी को लेकर उफान उठ रहा है। सरकार द्वारा हर घर तिरंगा के सपने को साकार करने की मुहिम भी तेज है। तीन लाख तिरंगा फ्री में बांटने का टारगेट रखा गया था। इतना तिरंगा बनाने की जिम्मेदारी गंगापार व यमुनापार में एक-एक महिला समूहों को दिया गया था। दावा है कि समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए सारे तिरंगे को पब्लिक में बांट दिया गया है। तिरंगे से इन महिलाओं को अच्छा खासा रोजगार भी मिला। खादी के गांधी आश्रमों में भी तिरंगा के तलबगारों की कतार लगी हुई है। सबसे महंगा तिरंगा खादी के ही हैं। गांधी आश्रम के लोग बताते हैं कि जिले में उनके पास सबसे महंगा तिरंगा 1800 रुपये का है। इसके नीचे 460 से लेकर 600 के रेंज में भी उपलब्ध है। बताते हैं कि दाम के हिसाब से तिरंगे के कपड़ों की क्वालिटी भी अलग ही है।

डाक घर में 25 रुपये का तिरंगा

डाक घरों में तिरंगा खरीदने वालों की कतार लगी हुई है। लोग एडवांस बुकिंग करके चले जा रहे हैं।

डाक विभाग को करीब सोलह हजार तिरंगे शासन द्वारा भेजे गए थे। प्रति तिरंगे का रेट यहां मात्र 25 रुपये है।

शायद यही वजह है कि यहां सारा तिरंगा देखते-देखते बिक गया।

अकेले सिविल लाइंस डाक घर से 13 हजार 800 तिरंगे की अब तक सेल हो चुकी है।

इसी तरह कचहरी डाकघर से 2800 तिरंगे लोगों द्वारा खरीदे गए।

कंडीशन यह है कि अब यहां तिरंगा के लिए एडवांस बुकिंग चल रही है।

अभी डाक घर के पास भी तिरंगा नहीं है। डिमांड बनाकर अफसरों द्वारा शासन को भेजा गया है।