प्रयागराज ब्यूरो । बेरोजगार दिवस पर 17 सितंबर 2020 को युवा मंच के बैनर तले बालसन चौराहा पर सरकार की रोजगार विरोधी गतिविधियों को लेकर आंदोलन हुआ था। जिस पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। मामले में युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह व अमरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया था। मामले में अब कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है।

ट्रायल शुरू होने पर युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। कहा कि आंदोलन की वजह से ही सरकार को सरकारी नौकरी में संविदा नीति का प्रस्ताव रद करना पड़ा था। इसी बौखलाहट में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

रोजगार दिलाना सरकार की जिम्मेदारी

संयुक्त युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम सदस्य एवं युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने अपने प्रेस बयान में कहा कि नागरिकों को गरिमापूर्ण रोजगार सुनिश्चित करने की संवैधानिक जवाबदेही सरकार की है। लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से रोजगार अधिकार के लिए आवाज बुलंद करने पर युवाओं का उत्पीडऩ किया जाता है। एनटीपीसी, अग्निवीर और इविवि के छात्र संघ बहाली व फीस वृद्धि आंदोलन में छात्रों का बर्बर दमन किया गया। प्रदेश में छह लाख रिक्त पदों को भरने के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए शुरू मुहिम को कमजोर करने के लिए छात्रों में भय व दहशत का माहौल बनाने के लिए उत्पीडऩ की कार्रवाई की जा रही है। आरोप लगाया कि सरकार द्वारा रोजगार सृजन में अव्वल होने का प्रोपेगैंडा कर युवाओं व प्रदेश के नागरिकों को गुमराह किया जा रहा है। जिससे लाखों युवा घोर मानसिक यंत्रणा से गुजर रहे हैं। अवसादग्रस्त होकर तमाम छात्र सुसाइड कर रहे हैं। जोकि बेहद चिंता जनक है। लेकिन सरकार को लाखों युवाओं के भविष्य की कतई परवाह नहीं है।