प्रयागराज ब्यूरो । रात के वक्त कोहरे में चलने के लिए रोडवेज की बसें राइट नहीं हैं। दर्जनों बसें ऐसी हैं जिनकी लाइट में मेंटिनेंस दोष है। ऐसी बसों के इंडीकेटर ही नहीं एंटी वेदर लाइट तक नहीं है। लाइट की इस समस्या से यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। रात के वक्त कमजोर लाइट और बगैर इंडिकेटर के पास लेने या देने में हादसे हो सकते हैं। यदि हादसा हुआ तो सवारियों को बड़ा नुकसान हो सकता है। ठंडी व कोहरा शुरू होने के बावजूद अब तक विभाग खामोश बैठा हुआ है। उपेक्षा की हकीकत को फतेहपुर डिपो की बसें बयां कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर फतेहपुर डिपो की सिविल लाइंस बस स्टैंड तक चलने वाली कई बसों को देखा जा सकता है। यह कंडीशन दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा रविवार को किए गए रियलिटी चेक में सामने आई।
फतेहपुर डिपो की बसों में ज्यादा दिक्कत
शहर में कुल चार रोडवेल बस स्टैंड हैं। इनमें सिविल लाइंस, प्रयाग, और लीडर रोड एवं जीरो रोड शामिल हैं। यहां पर सवारियां लेकर कई गैर दूसरे डिपो की बसें आया जाया करती हैं। कुल मिलाकर 500 बसें का संचालन प्रतिदिन होता है। इनमें से तमाम बसें ऐसी हैं जिनकी लाइट ठीक नहीं है। इनमें इंडीकेटर लाइट की भी कंडीशन काफी खराब है। कुछ बसों की इंडीकेटर लाइटर पूरी तरह से खराब है। दबी जुबान चालकों ने बताया कि लाइट कमजोर होने से नार्मल मौसम में भी बस चलाने में उन्हें दिक्कत होती है। यदि उनकी इन बातों को सच मान लें तो आने वाले दिनों में ऐसी बसों से सफर करना सुरक्षित नहीं है। क्योंकि ठंड का सीजन शुरू और फाग भी अब होने लगा है। इस फाग में कमजोर लाइट और बगैर इंडीकेटर वाली बसों का हादसा हो सकता है। ईश्वर न करें, यदि इस अनदेखी की वजह से हादसा हुआ तो मिले जख्म का दर्द उसमें बैठे यात्रियों को झेलना पड़ेगा। सिविल लाइंस बस स्टैंड पर लाइट के मामले में सबसे ज्यादा खराब कंडीशन फतेहपुर डिपो की बसों में दिखाई दिया। इन बसों में फ्रंट साइड लगा इंडीकेटर खराब है। जबकि फाग यानी कोहरे में साइड लेने और देने में यह इंडीकेटर महती भूमिका अदा करते हैं। बसों को रोड किनारे कहीं खड़ी करने पर भी इंडीकेटर जलाकर रखना पड़ता है। जबकि ज्यादातर बसों में इंडीकेटर ही खराब है। यही वजह है कि फाग में इन बसों से सफर में सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि परिवहन विभाग के अफसर सभी बसों में ऑल वेदर बल्व लगाने का दावा कर रहे हैं। हालांकि उनके दावों को बसों के कुछ चालक दबी जुबान हकीकत से परे बता रहे हैं। खैर, समय रहते अधिकारियों ने इस तरफ गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो होने वाले हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
कोहरे में ड्राइविंग की गाइड लाइन जारी
रोडवेज के बस चालकों को फॉग में ड्राइविंग के गाइड लाइन जारी किए गए हैं। जिस पर सभी को गौर करने के निर्देश हैं।
कहा गया है कि यदि कोहरा काफी घना हो और रास्ता समझ न आए तो वे बसों को किसी ढाबे पर रोक दें।
बसों में बैठी सवारियों को संभावित खतरे के बारे में बताएं और उनसे कोहरा छटने तक इंतजार में सहयोग मागें।
जिन बसों के शीशे पर वाइपर लगे हैं वे उसे ऑन रखें ताकि कोहरे की परत शीशे पर बैठने नहीं आए साफ दिखाई दे।
चालक अपने साथ थोड़ा पानी भी रखें और बीच-बीच बस रोक कर शीशे पर पानी का छीटा मारते रहें।
अपने अंडर में आने वाली सारी बसों में ऑल वेदर लाइट लगा दी गई है। बसों के इंडीकेटर व टूटे शीशे का सर्वे कराया जा रहा है। बस वाइस रिपोर्ट आते ही यह समस्या भी जल्द ही दूर कर दी जाएगी। दूसरे डिपो या जनपदों से संचालित बसों में लाइट की समस्या है तो वहां के अफसरों को इस बाबत पत्र लिखा जाएगा।
मुकेश कुमार, सेवा प्रबंधक परिवहन विभाग