प्रयागराज ब्यूरो आप ट्रेन में यात्रा कर रही हैं और आपको कोई दिक्कत पेश आती है तो फिर आपको मेरी सहेली की मदद मिलेगी। ऐसे में घबराने या डरने की जरुरत नहीं है। अगर आपको अकेले यात्रा करना है तो स्टेशन पर ट्रेन पकडऩे के पहले मेरी सहेली टीम से मिलिए। उसे अपना परिचय बताइए। अपनी डिटेल नोट कराइए। इसके बाद जब तक आपकी यात्रा खत्म नहीं होगी। लगभग हर प्रमुख स्टेशन पर आपको मेरी सहेली टीम मिलेगी। जो आपका हाल पूछेगी। अगर कोई दिक्कत होती है तो मेरी सहेली टीम दिक्कत दूर करेगी।

ऐसे काम करती है मेरी सहेली टीम
मेरी सहेली टीम स्टेशन पर तैनात होती हैं। मेरी सहेली टीम में आरपीएफ की महिला सिपाहियों को शामिल किया जाता है। मेरी सहेली टीम जंक्शन पर अकेली यात्रा करने वाली लड़कियों और महिलाओं से मिलकर उनकी डिटेल नोट करती हैं। इसके बाद उस डिटेल को रेल प्रहरी एप पर अपलोड करती हैं। इस एप को मेरी सहेली टीम खोल कर उसमें उसके स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेन की महिला यात्रियों का डिटेल नोट कर लेती हैं। इसके बाद जब ट्रेन स्टेशन पर पहुंंचती हैं तो मेरी सहेली टीम उस महिला यात्री की सीट पर जाकर उनका हाल पूछती हैं।

ऐसे लीजिए मेरी सहेली टीम की मदद
अगर आप पहली बार ट्रेन से यात्रा कर रही हैं या फिर आपको इस सुविधा के बारे में जानकारी नहीं है तो फिर जान लीजिए कि कैसे आप अकेले ट्रेन में सुरक्षित यात्रा कर सकती हैं। जब स्टेशन पहुंचिए तो सबसे पहले आरपीएफ थाने जाइए। या स्टेशन पर आरपीएफ की महिला सिपाही से मिलिए। उसे अपना परिचय दीजिए। उसे अपनी डिटेल नोट कराइए। बताइए कि आप किसी ट्रेन से कहां तक कि यात्रा करने वाली हैं। इसके बाद मेरी सहेली की टीम मेम्बर आपकी पूरी डिटेल रेल प्रहरी एप पर अपलोड कर देगी। मसलन आपको प्रयागराज जंक्शन से नई दिल्ली जाना है। प्रयागराज जंक्शन पर मेरी सहेली टीम को पूरा डिटेल नोट कराने के बाद उस डिटेल को रेल प्रहरी एप पर भेज दिया जाएगा। प्रयागराज जंक्शन पर आरपीएफ की दारोगा ज्योति शर्मा, ऊषा मौर्या, कुसुम, पूजा, प्रियंका, सोहिनी, प्रेम कुमारी मेरी सहेली टीम में शामिल हैं।

ट्रेन में दिक्कत हो तो करिए 139 पर फोन
ट्रेन में यात्रा के दौरान अगर आपको कोई दिक्कत होती है तो फौरन 139 हेल्प लाइन नंबर पर फोन कीजिए। इस नंबर पर शिकायत के बाद ट्रेन में स्कार्ट कर रही आरपीएफ या जीआरपी की टीम आपकी मदद के लिए पहुंचेगी।

नंबर गेम
30 ट्रेन का प्रयागराज जंक्शन पर आता है डाटा
300 महिला यात्रियों को किया जाता है अटेंड
90 हजार महिला यात्रियों को किया जा चुका है अटेंड
30 अक्तूबर 2020 को प्रयागराज जंक्शन पर हुई थी मेरी सहेली की शुरुआत

तुरंत मांगे मदद, न करें देरी
- ट्रेन में यात्रा के दौरान तबियत खराब होने पर।
- गर्भवती महिला के प्रसव पीड़ा पर।
- सामान चोरी हो जाने पर।
- किसी प्रकार की छेड़खानी, अश्लील हरकत पर।
- गंभीर बीमारी में अकेले यात्रा की स्थिति में।

शाबास: मेरी सहेली
- 4 मई 2022 को गाड़ी संख्या 1255 में एक गर्भवती महिला यात्री को प्रसव पीड़ा हुई। मेरी सहेली टीम ने उस महिला सुरक्षित प्रसव में मदद की।
- 1 सितंबर 2023 को गाड़ी संख्या 11037 में एक गर्भवती महिला यात्री को प्रसव पीड़ा हुई। जिसकी मदद मेरी सहेली टीम ने की।
- 2 अगस्त 2023 को गाड़ी संख्या 14006 में एक गर्भवती महिला यात्री को प्रसव पीड़ा हुई। उसकी मदद मेरी सहेली टीम ने की।
- 10 जनवरी 2023 को प्लेटफार्म 8 पर एक महिला यात्री को प्रसव पीड़ा हुई। मेरी सहेली टीम ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
- 16 सितंबर 2023 को 139 हेल्प लाइन की सूचना पर गाड़ी संख्या 12488 से एक नाबालिग लड़की को मेरी सहेली टीम ने रेस्क्यू करके बचाया।



मेरी सहेली टीम ट्रेन में अकेले यात्रा करने वाली लड़कियों और महिलाओं की पूरी तरह से सुरक्षा करती हैं। महिला यात्रियों को भी जागरुक होने की जरुरत है। अगर अकेले यात्रा कर रहीं हैं तो आरपीएफ की महिला सिपाहियों को स्टेशन पर अपनी डिटेल नोट कराएं। आरपीएफ की मेरी सहेली टीम पूरा सहयोग करेगी।
शिवकुमार सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर

फोटो है

रेलवे सुरक्षा बल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष तौर पर आरपीएफ की महिला सिपाहियों की टीम बनाकर उसे मेरी सहेली नाम दिया गया है। ताकि महिलाओं को मेरी सहेली टीम से पूरी मदद मिल सके। हर बड़े स्टेशन पर मेरी सहेली टीम पूरी सतर्कता से काम कर रही है।
एएन सिन्हा, आईजी आरपीएफ


मेरी सहेली टीम अभियान का मकसद ट्रेनों में महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना है। महिला यात्रियों को बेझिझक मेरी सहेली टीम से मदद लेनी चाहिए। अकेले यात्रा करने की स्थिति में स्टेशन पर मेरी सहेली टीम को जानकारी देनी चाहिए।
विजय प्रकाश पंडित, सीनियर कमांडेंट आरपीएफ

प्रयागराज जंक्शन पर मेरी सहेली टीम पूरी तत्परता से महिला यात्रियों की मदद करती है। कई गर्भवती महिलाओं का प्रसव मेरी सहेली टीम ने कराया। नाबालिक लड़कियों को बचाया। मेरी सहेली टीम पूरी सजगता से काम कर रही है।
ज्योति शर्मा, इंचार्ज मेरी सहेली टीम