अब बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक पर जाली नोट जमा करने के आरोप में दर्ज हुई रिपोर्ट
इसके पहले भी चार बैंकों के शाखा प्रबंधकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा चुका है आरबीआई
ALLAHABAD: थोड़ी सी नादानी बड़ी परेशानी बन गयी है। नोटबंदी के दौरान भीड़ के प्रेशर में पुराने नोट जमा करने में बरती गयी लापरवाही बैंक प्रबंधकों को भारी पड़ रही है। रश का फायदा उठाते हुए कई शातिरों ने बैंकों में जाली नोट जमा करा दिए। बैंक प्रबंधकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और सीधे आरबीआई भेज दिया। इसका उन्हें अब खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जाली नोट जमा कराने के आरोप में आरबीआई ऐसे बैंक प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रहा है।
अब बीओआई के प्रबंधक फंसे
आरबीआई में जाली नोट जमा कराने के आरोप में अब सुलेमसराय स्थित बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक पर शिकंजा कसा है। आरबीआई शाखा कानुपर के प्रबंधक राम शब्द ने एक पत्र के माध्यम से उनके खिलाफ जाली नोट जमा कराने का मुकदमा दर्ज कराया है। आरबीआई की तरफ से आए पत्र में कहा गया है कि बैंक आफ इंडिया की तरफ से जो नोट आरबीआई भेजे गए हैं उनमें 100 रुपए के तेरह नोट, पांच सौ के तीन व एक हजार के कुछ नोट जाली हैं। आरबीआई के पत्र के आधार पर धूमनगंज पुलिस ने बीओआई के शाखा प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अब तक पांच बैंकों पर कार्रवाई
इसके पहले भी जाली नोट जमा कराने के आरोप में आरबीआई की ओर से चार बैंक प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। यह पांचवां मामला है। जाली नोट जमा कराने के आरोप में बीओआई से पहले इलाहाबाद बैंक सिविल लाइंस, बैंक ऑफ बड़ौदा खुल्दाबाद, सेंट्रल बैंक मुट्ठीगंज तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा शामिल है। इन सभी बैंकों पर जाली नोट जमा कराने का आरोप आरबीआई की ओर से लगाया गया है। पुलिस ने इन सभी बैंकों के प्रबंधक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है और मामले की जांच कर रही है।
आरबीआई के पत्र सूचना के आधार पर बैंकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। जांच चल रही है। जो दोषी कर्मी होगा उसके खिलाफ विधि पूरक कार्रवाई की जाएगी।
शलभ माथुर, एसएसपी