प्रयागराज (ब्‍यूरो)। ट्रांसफार्मर में टेक्निकल फाल्ट के चलते इन दिनों बिजली सप्लाई का बाधित होना आम बात हो गई है। इस खराबी के पीछे मुख्य रूप से पांच तरह के कारण बताए जा रहे हैं। हम आप को इन पांच कारणों के बारे में भी आज बताएंगे। इसके पहले यह जान लेना जरूरी है कि इस खराबी को रोकने के लिए हम और आप क्या कर सकते हैं। करना बहुत कुछ नहीं है, बस थोड़ी सी जानकारी खुद में जागरूकता लाने की जरूरत है। इससे काफी हद तक ट्रांसफार्मर में आने वाली खराबी से हो बाधित हो रही सप्लाई को कम किया जा सकता है।

इन कारणों से पड़ता है प्रभाव
01 बरसात के दिनों में ट्रांसफार्मर के वायर में नमी के चलते शार्ट स्पार्क की समस्या बढ़ती है। इससे अक्सर तार टूट जाते हैं।
02 बारिश का पानी पडऩे के कारण ट्रांसफार्मर में लगे जंफर एक कील से दूसरे कील में बंधे पतले तार शार्ट करके टूट जाते हैं।
03 ट्रांसफार्मर में लगे नट के जरिए बूंद-बूंद करके पानी बॉडी के अंदर चला जाता है। इससे अंदर लगे पार्म में स्पार्क होता है और ट्रांसफार्मर तेज आवाज के साथ जल जाता है।
04 एरिया वाइस निर्धारित क्षमता से अधिक खपत से ट्रांसफार्मर की बॉडी हीट करती है और ट्रांसफार्मर में बंधे वायर जोड़ से ब्लास्ट कर जाता है।
05 ट्रांसफार्मर के बगल कुछ छोटे-छोटे बॉक्स लगे होते हैं। इसे विभागीय भाषा में हैंड प्वाइंट कहते हैं, इसमें भी बारिश का पानी जाने या हीट होने अंदर वायर के जोड़ से उड़ जाते हैं।

आप ऐसे बचा सकते हैं यह फाल्ट
ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के एक्सपर्ट कहते हैं कि लोगों का सपोर्ट मिल जाय तो बहुत नहीं पर थोड़ा ही सही ट्रांसफार्मर में आने वाली टेक्निकल फाल्ट को कम किया जा सकता है।
बिजली चोरी के लिए कटिया का इस्तेमाल करना बंद कर दें।
इससे ट्रांसफार्मर पर लोड कम हो जाएगा और लोड की वजह से आने वाली खराबी समाप्त हो जाएगी।
चूंकि कनेक्शन की क्षमता के अनुरूप ट्रांसफार्मर एरिया वाइस लगाए जाते हैं।
इसलिए जो वैध कनेक्शन का लोड है, ट्रांसफार्मर उतना बर्दाश्त कर लेगा। थोड़ा बहुत लोड बढ़ भी जाएगा तो इतनी खराबी लोड के चलते नहीं आएगी।
बिजली के तार पर कपड़े या धागे आदि न फेकें। इनके लटकने से तार एक दूसरे में टच कर जाते हैं और शार्टसर्किट बढ़ जाती है।

65 हजार के करीब जिले में लगे हैं ट्रांसफार्मर
09 हजार ट्रांसफार्मर लगे हैं शहर के अंदर
03 से चार ट्रांसफार्मर शहर में रोज होते हैं खराब

न्यूनतम 24 घंटे लगते हैं ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग में
एक बार ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद ऐसा नहीं कि तीन चार घंटे में बनाकर दोबारा लगा दिया जाएगा। वर्कशॉप के एक्सपर्ट की मानें तो नार्मल खराबी आने पर भी ट्रांसफार्मर को दुरुस्त करने में कम से कम 24 घंटे का वक्त लग जाता है। ट्रांसफार्मर के अंदर लगी क्वाइल के साथ यदि खराबी कुछ और भी है तो उसे बनाने में कम से कम 48 घंटे का वक्त लग जाता है। ट्रांसफार्मर की बॉडी में खराबी आने या उसमें पड़े ऑयल के निकल जाने अथवा खराब होने पर बनाने में तीन से चार दिन का वक्त लगता है। क्योंकि ऐसे ट्रांसफार्मर की पूरी सर्विस करनी पड़ती है।

बारिश के समय ट्रांसफार्मर में खराबी के कई कारण होते हैं। उनमें पांच मुख्य कारण हैं जिससे बड़ी समस्या आ जाती है। यदि ओवर लोडिंग की दिक्कत खत्म हो जाय तो काफी हद तो छोटे फाल्ट अपने आप क हो जाएंगे।
दिनेश सिंह
अधिशासी अभियंता विद्युत वर्कशॉप