प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर से गांव तक लोग सड़कों पर ट्रैफिक रूल्स तोड़ते रहे और हादसे रहे। इसके पीछे जागरूकता और कार्रवाई के नाम पर पूरा किए जा रहे कोरम एक बड़ी वजह है। एक नवंबर से पूरे जिले में चलाए जा रहे यातायात का असर सड़कों पर बेअसर है। गांव तो छोडि़ए पुलिस की चेकिंग और कार्रवाई का शहर में भी चालकों के अंदर कोई खौफ या डर नहीं है। बगैर हेलमेट के बेअंदाज सड़कों पर भाग रहे बाइक सवारों को रोकने व टोकने वाला शहर के किसी भी चौराहे पर कोई नजर नहीं आया। सिविल लाइंस सुभाष चौराहे पर बिना हेलमेट के कई बाइक पर तीन लोगों को सफर करते देखा गया। यातायात माह की यह कड़वी सच्चाई दैनिक जागरण आईनेक्ट द्वारा बुधवार को सिटी के कई चौराहों पर किए गए रियलिटी चेक में सामने आई।
385 लोगों की एक्सीडेंट में नौ महीने में हुई मौत
598 लोगों इन हादसों में जगह-जगह हुए घायल
875 रोड एक्सीडेंट नौ महीने में हुए जिले के अंदर
582 लोगों की पिछले पूरे वर्ष में एक्सीडेंट में मौत
डराते हैं मौत के आंकड़े
ट्रैफिक रूल्स और सुरक्षित तरीके से वाहन चलाने के लिए लोगों में जागरूकता का घोर अभाव है। सख्ती के साथ चेकिंग और कार्रवाई नहीं किए जाने से लोगों में नियमों व चालान जैसी कार्रवाई को लेकर कोई डर नहीं रह गया है। ट्रैफिक पुलिस की इसी ढिलाई व अनदेखी के चलते लोग शहर से गांव तक नियमों को गाडिय़ों के पहिए से खुलेआम रौंद रहे हैं। बगैर हेलमेट व रांग साइड ड्राइविंग करना लोगों की आदत में शुमार हो चुका है। जानकार इन्हीं स्थितियों को जिले में बढ़ रहे हादसों में हो रही मौतों को कारण मान रहे हैं। एक्सीडेंट से जुड़े ट्रैफिक पुलिस के विभागीय आंकड़े काफी दुखद और रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 2024 के नौ महीनों में जिले के अंदर एक्सीडेंट की कुल 875 घटनाएं हुईं। इन हादसों में मरने वालों की संख्या 385 दर्ज की गई है। हादसों में घायल हुए व्यक्तियों की तादाद 598 है। इनमें कई ऐसे हैं जो इन हादसों में कोई हाथ तो कोई पांव हमेशा के लिए गंवा दिया है। जबकि पिछले वर्ष 2023 में के 12 महीनों में हुए एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या 582 रही है। जबकि 2024 के नौ महीनों में ही 385 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कहा जा सकता है कि हालात यही रहे तो वर्ष 2024 व्यतीत होते-होते हादसों में मरने वालों की पिछले वर्ष से काफी अधिक पहुंच सकती है।
यातायात माह की डिटेल नहीं
ट्रैफिक पुलिस के पास यातायात माह में किस दिन क्या किया जाएगा? इसका कोई प्लान ही नहीं है। अफसरों से मांगे गए डे-बाई-डे इस माह में बनाए गए जागरूकता व चेकिंग एवं जांच से सम्बंधित प्लान की सूची भी वह देने में असमर्थ रहे। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस बार यातायात माह शुरू भले है मगर ऐसा कोई प्लान विभाग द्वारा तैयार ही नहीं किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि जब यातायात माह जैसे अभियान को लेकर कोई प्लान चार्ज विभाग के पास है ही नहीं? तो वह कितनी और कैसे चेकिंग व लोगों में जागरूकता का काम कर रहे हैं? यह बात अब शायद ही किसी को बताने की जरूरत पड़े।
आंकड़ों की जुबानी एक्सीडेंट की कहानी
माह एक्सीडेंट मौत घायल
जनवरी 82 35 56
फरवरी 83 40 54
मार्च 102 45 81
अप्रैल 116 52 81
मई 116 53 76
जून 87 43 55
जुलाई 109 49 64
अगस्त 100 36 76
सितंबर 80 32 55
यातायात माह के तहत चौराहों पर चेकिंग के लिए जवानों की ड्यूटियां लगाई जा रही हैं। लोग जागरूक भी किए जा रहे हैं। चेकिंग और जागरूकता के लिए महीने भर का प्लान सभी को बता दिए गए हैं। एक्सीडेंट से रिलेटेड आंकड़े शीर्ष अफसरों के यहां से ही मिल सकते हैं।
अमित कुमार, ट्रैफिक इंस्पेक्टर