समय पर परिवार की नजर पड़ने के कारण बचाई जा सकी जान, हालत खतरे के बाहर

PRAYAGRAJ: ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल दीपक कुमार ने फांसी लगाकर सोमवार को सुसाइड की कोशिश की। गनीमत यह थी कि समय से घरवालों की नजर पड़ गई। बगैर देर किए परिवार के लोग उसे लेकर एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचे। जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई। वह ऐसा क्यों किए? इस यह बात देर रात तक स्पष्ट नहीं हो सकी।

एसआरएन हॉस्पिटल में है भर्ती

कांस्टेबल दीपक कुमार का मूल घर बांदा जिले में है। वह परिवार के साथ यहां धूमनगंज के ट्रांसपोर्टनगर में किराए के कमरे में रहते हैं। बताते हैं कि सोमवार सुबह वह कहीं से रूम पर पहुंचे। पहुंचते ही सीधे कमरे में चले गए। घर परिवार ने सोचा कि कपड़े चेंज कर रहे होंगे। थोड़ी देर बाद जब पत्‍‌नी देखी वह फांसी लगा कर लटक चुके थे। मगर सांसें चल रही थीं। यह देखते ही वह चीख पहुंचे अन्य परिजन तत्काल फंदा खोले और गंभीर हालत में लेकर हॉस्पिटल भागे। एसआरएन हॉस्पिटल में इलाज बाद उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। जानकारी ट्रैफिक पुलिस के अफसरों को हुई तो सभी सन्नाटे में आ गए। भागकर अधिकारी भी हॉस्पिटल पहुंचे। हॉस्पिटल में अफसर डॉक्टरों से बात किए इसके बाद वापस लौट गए।

कांस्टेबल ने ऐसा क्यों किया यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। उसके पूरी तरह ठीक होने के बाद ही कुछ मालूम चल सकेगा। परिवार वाले भी कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है।

अरुण कुमार, निरीक्षक यातायात