प्रयागराज (ब्यूरो)। रविवार को राजनीति का आयोजन खुल्दाबाद के दयानंद पार्क में किया गया था। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। उन्होंने अपने चुनावी मुद्दों को खुलकर सामने रखा। सभी अपनी मूलभूत सुविधाओं की बात कर रहे थे। डिबेट के बीच में ही मजेदार माहौल भी क्रिएट हो गए। जब लोग एक दूसरे की बात काटने लगे। बीच बीच में वह राजनीतिक पार्टियों के पक्ष में तर्क वितर्क भी करने लगे। जिस पर उन्हें रोका गया।
महिलाओं को लेकर दिखाई संवेदनशीलता
राजनीति में एक बात साफ दिखाई दी कि पुरुषों को महिलाओं की समस्याओं की भी जानकारी है। उनकी संवेदनशीलता कहीं से भी कम नहीं है। उनका कहना था कि महिलाएं अब पहले से अधिक निडर होकर घर से बाहर निकलती हैं। माफिया राज भी कम हो गया है। लेकिन अभी इस दिशा में अधिक करने की जरूरत है। सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि इंटीरियर एरियाज में भी महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराएं। देर रात काम करने वाली महिलाओं के लिए कोई सुविधा दी जानी चाहिए।
गांव में कम हुआ है विकास!
परिचर्चा में कुछ लोगों का कहना था कि शहर में तो विकास हो रहा है लेकिन गांव एरिया में अभी भी कई जगहों पर सरकार की नजर नही पहुंची है। शहर पश्चिमी के इन गांव में नाली और सड़कों की जरूरत है। पांच साल तक वहां पर कोई झांकने या सर्वे करने नही आया। हालांकि इन बातों को दूसरे लोगों ने काटा भी। उनका कहना था कि विकास हुआ है लेकिन कुछ कमियां रह गई हैं। इनमें भी सुधार की बहुत ज्यादा जरूरत है।सुरक्षा- डिबेट में स्थानीय व्यापारियों की संख्या अधिक थी। उनका कहना था कि व्यापारियों की सुरक्षा के लिए सरकार को काम करनी चाहिए। शहर की तमाम बाजारों में पुलिस की गश्त बढ़ाई जानी चाहिए। स्थानीय लेवल पर व्यापारियों के साथ पुलिस और प्रशासन की बैठक समय समय पर होनी चाहिए। जिससे उनकी समस्याओं को जाना जा सके। बीच में ऐसे कदम उठाए गए थे लेकिन फिर से इनको शुरू किए जाने की जरूरत है। सुरक्षा मिली तो व्यापार आगे बढ़ेगा।
सुविधाएं- व्यापारियों का कहना था कि उनको अभी भी सुविधाओं की दरकार है। शहर की तमाम बाजारों में साफ सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। जो ग्राहक आते हैं वह पेयजल और टायलेट के लिए परेशान होते हैं। जो बाजार हैं उनमें यूटिलिटी की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। इनकी सफाई पर भी ध्यान देना होगा। कहीं कही जलभराव की समस्या होती है इसे भी दूर कर देना चाहिए। व्यापारियों पर मंडराने वाली इंस्पेक्टर राज की दिक्कतों को भी दूर किया जाना चाहिए।
शिक्षा- लोगों का कहना था कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तरह हाइटेक करने की जरूरत है। अगर यहां पर भी अध्यापक अधिक स्किल्ड और हाइटेक हो जाएं तो बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकती है। अगर सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा मिले तो लोग अपने बच्चों को प्राइवेट और महंगे स्कूलों में नही भेजेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। मजबूरी में लोग कांवेंट स्कूलों की बड़ी फीस देने को मजबूर हैं। सरकार को इस दिशा में अधिक सोचना होगा।
महिला सुरक्षा- यह भी कहा कि महिला सुरक्षा की दिशा में सुधार हुआ है। उनको पहले अधिक आजादी और सुरक्षा मिली है। लेकिन अभी भी उनको थोड़ी दिक्कत होती है। शाम ढलने के बाद उन्हें अपने के सहारे के साथ ही बाहर जाना पड़ता है। जो महिलाएं देर रात घर लौटती हैं उन केलिए सुविधा दी जानी चाहिए। वर्क प्लेस उनको सुरक्षित माहौल देने के लिए इसकी मानीटरिंग की जानी चाहिए। वहां पर समय समय पर महिला कर्मियों से फीड बैक लिया जाना चाहिए। इससे माहौल पहले से अच्छा होगा।
महंगाई- यह एक ऐसा मुद्दा है जिससे जनता कभी संतुष्ट नहीं हो सकती है। लोगों का कहना है कि जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही है इससे मध्यम और निचले वर्ग वालों को खासी दिक्कत हो रही है। फल, सब्जी और अनाज आदि के दाम बढ़ रहे हैं। ईंधन भी महंगा होता जा रहा है। अगर महंगाई कम नही होती है तो लोगों की आय बढ़ाने का साधन खोजना होगा। अधिक से अधिक संख्या में रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। प्राइवेट नौकरियों में भी कर्मियों की निचली सैलरी फिक्स होनी चाहिए।
व्यापारियों को सुविधाएं चाहिए। कुछ सुविधाएं मिली है और कुछ और की आवश्यकता है। जैसे बाजारों में अच्छी सड़कें, यूटिलिटी, सुरक्षा आदि मिल जाए तो बेहतर होगा। व्यापार को बेहतर बनाने के लिए तमाम टैक्स में छृट की व्यवस्था भी होनी चाहिए। इससे व्यापारी बढ़ेगा और देश की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी।
पवन चौरसिया
बाजारों में सुरक्षा की व्यवस्था अधिक सुदृढ़ की जाए तो बेहतर होगा। देर रात तक बाजार चले और पुलिस गश्त करती रहे तो अच्छा प्रभाव पड़ेगा। शाम को छह बजे के बाद अधिक गश्त की जरूरत है। व्यापारियों के साथ अगर कुछ गलत होता है तो उस पर पुलिस को तत्काल एक्शन लेना चाहिए। इससे अच्छा माहौल डेवलप होगा।
गौरव मिश्रा
जब जीएसटी आया था तब और अब में काफी अंतर है। सरकार ने कई लेवल पर जीएसटी में सुधार किया है लेकिन अभी इस दिशा में अधिक बेहतर होने की संभावना है। जीएसटी के प्रारूप को सरल बनाया जाना चाहिए। जिससे आम व्यापारी भी इसकी पेचीदगी को समझ सके। ऐसा करने से व्यापारियों को राहत मिलेगी।
बादल केसरवानी
सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। उनके भवन अच्छे हों और टीचर्स को एडवांस ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
शिक्षा को पारंपरिक की जगह रोजगार परक करना होगा। ऐसा करने से बच्चों को आगे चलकर पैसे कमाने के लिए परेशान नही होना पड़ेगा। उनकी स्किल बेहतर होगी तो वह रोजगार को जल्दी प्राप्त कर लेंगे।
नितिन चौरसिया
सुरक्षा के मामले में हम पहले से अच्छे माहौल में आ गए हैं। गुंडे और माफियाओं का वर्चस्व कम हुआ है। महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में भी काम हुआ है। शहर के अंदरुनी एरिया हैं वहां भी पुलिस की नजर पडऩे लगे तो बेहतर होगा। शोहदों के खिलाफ अभियान चलाकर जोरदार कार्रवाई की जानी चाहिए।
दिवाकर केसरवानी
विकास लगातार हो रहा है। पहले भी हुआ और अब भी चल रहा है। लेकिन पब्लिक चाहती है कि इसकी रफ्तार अधिक हो। सड़कों के साथ गलियों में भी सुधार होना चाहिए। नालियों की टूट फूट ठीक कराई जानी चाहिए। आवारा जानवरों पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। यह दुर्घटना का कारण बनते हैं।
बृजमोहन
रोजगार की दिशा में काम होन चाहिए।
लंबे समय से कई भर्तिंयां रुकी हुई हैं। इनको जल्द से जल्द पूरा करा लेना चाहिए। सरकारी विभागों में पद खाली पड़े हैं। इससे कामकाज रक जाता है और पब्लिक को परेशानी होती है। मेरी राय में सरकार को अधिक से अधिक लोगों को नौकरी देनी चाहिए।
राजकुमार
यह बात सही है कि रोजगार को लेकर सभी परेशान हैं। भर्ती परीक्षाओं में घोटाला और नकल सामने आ रही है। परीक्षा रद हो रही हैं। सरकार को चाहिए कि पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराएं और लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाए। प्राइवेट सेक्टर मेँ भी दखल देकर कर्मियों की सैलरी में बदलाव कराया जाए।
मिंकू
क्राइम का स्तर कम हुआ है लेकिन अभी भी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिनसे मानवता शर्मसार होती है। इसलिए अपराधियों के खिलाफ अधिक सख्ती से पेश आना होगा। जो लोग अपराधियों का समर्थन करते हैं उनके खिलाफ भ सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। सौ फीसदी जीरो टालरेंस नीति की आवश्यकता है।
हीरालाल
स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था को अधिक बेहतर बनाना होगा। सरकारी स्कूलों के भवन बेहतर होने चाहिए। इनमें बच्चों की पढ़ाई के लिए नए उपकरण लगाने होंगे। जो बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं उनको दोबारा दाखिला दिलाना होगा। ऐसा करने से लिटरेसी रेट बढ़ेगा और देश की शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी होगी।
कृष्णा विश्वकर्मा