प्रयागराज ब्यूरो । अभी तक ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर वही व्यापारी माल भेज पाता था जो जीएसटी में पंजीकृत हो। ऐसे व्यापारी और उद्योग जिनका टर्नओवर जीएसटी की थ्रैश होल्ड लिमिट 40 लाख के नीचे हो, उनको ना चाहते हुए भी जीएसटी का पंजीयन कराना होता था। कैट पिछले 2 साल से सरकार से यह मांग कर रहा था कि प्रभावित छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए नियमों में बदलाव किया जाए। इस बात की व्यवस्था की जाएगी ई-कॉमर्स पोर्टल पर माल बेचने के लिए जीएसटी नंबर आवश्यक ना हो।

क्या है ई कामर्स पोर्टल

अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मीशो जैसी ऑनलाइन कंपनियों ई कामर्स के अंतर्गत आती हैं। ऐसे दर्जनों पोर्टल हैं जिन पर व्यापारी अपना माल बेच सकता है। अब इन पोर्टल पर बिना जीएसटी पंजीयन भी बेच सकेंगे। जिले में हजारों ऐसे व्यापारी हैं जो अभी तक जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। जबकि 89 हजार व्यापारियों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करा रखा है। वर्तमान में ई कामर्स कंपनियां अपना माल बेचने का बड़ा माध्यम हैं जिनका लाभ कई व्यापारी उठा रहे हैं।

मानीटरिंग के दायरे में आएंगे

ऐसा नही है कि इस आदेश का लाभ केवल व्यापारियों को ही होगा। एक्सपट्र्स का कहना है कि जो व्यापारी अभी तक सरकार की निगाह में नही थे, वह जैसे ही ई कामर्स पोर्टल पर अपना माल बेचेंगे। उनका टर्नओवर और सेलिंग सामने आने लगेगी। इस तरह से सरकार को उनको ट्रेस करना आसान होगा। देश में एक बड़ी संख्या ऐसे व्यापारियों की है जिनका टर्नओवर तो ठीक है लेकिन वह जीएसटी में पंजीयन नही करा रहे हैं। उनको ढूंढ पाना सरकार के लिए मुश्किल साबित होता है।

यह एक बड़ा फैसला है जिससे व्यापारियों को लाभ होगा। हम दो साल से इसकी मांग कर रहे थे। अब जाकर सफलता मिली है। इससे छोटे व्यापारियों को अपना माल ऑनलाइन बेचने में आसानी होगी और उन्हें जीएसटी से भी राहत होगी।

महेंद्र गोयल, सदस्य, जीएसटी काउंसिल व कैट प्रदेश अध्यक्ष