प्रयागराज ब्यूरो, शनिवार को संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली और मैजिक की कतार लगी रही। हर कोई बड़े हनुमान दर्शन व निशान चढ़ाने संगम क्षेत्र के लिए जा रहे थे। ट्राली और मैजिक में महिलाएं व बच्चों के खचाखच भरी हुई थी। लेकिन पुलिस बेखबर थी। झूंसी, नैनी की तरफ से आने वालों की संख्या अधिक थी। नियमों को ताक पर रखकर इन वाहनों पर सवार लोगों से रोक कर बातचीत की गई। वंदना देवी बताती हैं कि उनके घर से ऑटो स्टैंड बहुत दूर है। इस वाहन में तीन-चार परिवार के लोग एक साथ बैठ सकते हैं। ममता का कहना था कि सरकार अगर इन वाहनों पर बैठकर चलने पर रोक लग रही है तो कम से कम एक दूरी तक बैठकर चलने की अनुमति दी जाये। क्योंकि ग्रामीणों के पास इससे अच्छा विकल्प व सस्ता कुछ नहीं है। मैजिक चलाने वाले अरविंद बताते है कि कोई भी चीज बंद कर देना और जुर्माना लगा देना आसान है। लेकिन विकल्प निकालना कोई नहीं जानता है।

सरकारी बसों में छूट की बात
इस दौरान नैनी छिवकी स्टेशन तरफ रहने वाले रवि, प्रभाकर, रितेश व तमाम ऐसे लोग भी मिले। जो ट्रैक्टर-ट्रॉली और मैजिक पर बैठकर चलना खुद खतरनाक सवारी मानते हैं। लेकिन उनका कहना है कि कोई भी व्यक्ति मजबूरी में सफर करता है। अगर सरकार रोडवेज की बसों में ही कुछ छूट दें दे तो आदमी क्यों जान जोखिम में डालकर चलेगा। वहीं महिला रीना आर्या ने बताया कि आस्था के कार्यक्रम में बहुत सी चीजें साथ होती है। उन सामनों को लेकर बसों में चलना मुश्किल है। फिलहाल अभी आरटीओ प्रवर्तन दल की तरफ से भी कोई अभियान शुरू नहीं हुआ। ऐसे में जरूरत है कि पुलिस प्रशासन व आरटीओ विभाग जागरूक अभियान चलाकर इन वाहनों पर सवार होने वाले लोगों को न बैठे के लिए पहले जागरूक करें।