बस-ऑटो छोड़ ट्रैक्टर से आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे लोग
एक ट्रैक्टर से 40 से 45 लोग हो जाते हैं सवार, आसपास के जिले को लोग आराम से तीस से चालीस रुपये में पहुंच जा रहे संगम
PRAYAGRAJ:
संगम पर स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इनमें ज्यादातर ट्रैक्टर, मैजिक व अन्य साधन बुक कराकर पहुंच रहे हैं। वसंत पंचमी पर भी बड़ी संख्या में आसपास के जिले से श्रद्धालु पहुंचे। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने संगम पर श्रद्धालुओं से बात की। इनमें ज्यादातर ऐसे लोग थे। जिनकी खुद की या फिर रिश्तेदारों की ट्रैक्टर व मैजिक वाहन थी। वहीं इक्का-दुक्का लोग भी मिले। जो दूसरे की लेकर आये थे। लेकिन उनको सिर्फ डीजल खर्च देना पड़ा। कोई एक्स्ट्रा चार्ज व भाड़ा नहीं देना पड़ा। श्रद्धालुओं ने बताया कि आस्था के नाम पर कोई डीजल खर्च के अलावा भाड़ा नहीं लेता है। अन्य वाहनों के तुलना कम किराये पर पूरा परिवार के साथ बैठ संगम आ जाते हैं। एक ट्रैक्टर पर 40 से 45 लोग आराम से सवार हो जाते हैं। किराया भी सरकारी साधनों से काफी कम लगता है। संगम पर ट्रैक्टर से पहुंचने वालों में यमुनापार व गंगापार एरिया के साथ प्रतापगढ़ व कौशाम्बी जिले के ज्यादा लोग शामिल थे। सभी ने बताया कि वह 20 से 30 रुपये में संगम पहुंचे थे। वहीं एक मैजिक में भी 15 से 18 लोग बैठ जाते हैैं। बताया कि कम किराये पर घर के सामने से बैठकर सीधे संगम पहुंच जाते हैं। इससे बस पकड़ने के लिए ऑटो का किराया बच जाता है।
गंगापार में कई गांव सड़क से बिल्कुल अंदर है। ऑटो पकड़ने के लिए पैदल चलकर सड़क पर आना पड़ता है। फिर संगम स्नान के लिए बस पकड़नी पड़ती है। इससे समय और पैसा दोनों ज्यादा लगता है। गांव से एक साथ टै्रक्टर से आने पर दोनों की बचत हो जाती है।
शिव पूजन
बस में एक आदमी के किराये के बराबर ट्रैक्टर से चार से पांच लोग आराम से संगम स्नान कर लेते हैं। प्रतापगढ़ से 80 से 90 रुपये किराया है। लेकिन ट्रैक्टर में 18 से 20 रुपये एक आदमी पर लगा है। एक साथ आना भी हो जाता है और स्नान के साथ दर्शन भी।
चंद्र कली महिला
औद्योगिक के आगे रामपुर से आये हैं। एक ट्रैक्टर में 40 से 45 लोग आराम से बैठ जाते है। इतने दूर के सफर में चार सौ का डीजल लगा है। एक व्यक्ति पर मात्र नौ रुपये पड़ा है। इससे सस्ता तो कोई किराया हो ही नहीं सकता है। जिनकी ट्रैक्टर है। उन्होंने कोई भाड़ा भी लिया।
अरूण यादव
हर एक बड़े परिवार के बीच एक ट्रैक्टर व मैजिक गाड़ी है। इसलिए यह सवारी सस्ती पड़ती है। कोई आसपास के लोग भी मांगते हैं तो देते हैं। सिर्फ डीजल का खर्च देना पड़ता है। अगर कोई बुक करके भी आता है। उसको भी अन्य साधन से सस्ता पड़ता है।
राजाराम