प्रयागराज ब्यूरो । उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में आपकी रेल यात्रा सुरक्षित है। चौबीस घंटा ट्रैक मेंटेनेंस सिस्टम एक्टिव है। इस बीच कई जगहों पर रेल हादसों ने यात्रियों के मन में डर पैदा किया है, मगर प्रयागराज मंडल फुल कांफिडेंस के साथ अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए हार्ड वर्क कर रहा है। ट्रैक रिकार्डिंग कार से रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया जा रहा है। ट्रैक मेंटेनरों को एक्टिव किया गया है। लोकल हेल्प ली जा रही है। ताकि रेलवे ट्रैक को सुरक्षित रखा जा सके। रेलवे अफसरों का पूरा जोर रेल ट्रैक को दुरुस्त रखने का है। इसके लिए पूरा मानिटरिंग सिस्टम एक्टिव कर दिया गया है। इसके लिए सुपर चेक्स टीम का भी गठन किया गया है।

सेफ्टी, सेक्योरिटी दोनों पर जोर
रेलवे ने अब सेफ्टी के साथ ही सिक्योरिटी पर भी जोर देना शुरू कर दिया है। यह बदलाव रेलवे ने हाल के वर्षों में किया है। जिसका अब असर होने लगा है। सेफ्टी सिस्टम तो रेलवे का खुद का है, जिसके तहत रेलवे ट्रैक मेंटनेंस का काम जांच निगरानी के बीच किया जा रहा है। वहीं सिक्योरिटी के लिए आरपीएफ का दायरा बढ़ाया गया है। कई मामले ऐसे रेलवे के सामने आए जिसमें रेलवे ट्रैक पर क्लिीपिंग में छेड़छाड़ की गई थी, इसके लिए आरपीएफ को जिम्मेदार बनाया गया है कि अगर रेलवे ट्रैक पर कोई तोडफ़ोड़ होती है तो उसकी जिम्मेदारी आरपीएफ की होगी।

आरपीएफ डवलप कर रहा सूचना तंत्र
आरपीएफ रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए गांव गांव सूचना तंत्र विकसित कर रहा है। ताकि आरपीएफ को रेलवे ट्रैक के बारे में समय रहते सूचना मिल सके। इसके लिए आरपीएफ ट्रैक मेंटेनरों का भी सहारा ले रही है। रेलवे पटरियों की सुरक्षा के लिए स्पेशल टीमें बनाई हैं। इसका नाम सुपर चेक्स टीम रखा गया है। आरपीएफ व रेलवे के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह ट्रेन गुजरने से पहले ट्रैक की चेकिंग कराएं। ये टीमें ये चेक करेंगी कि जिस ट्रैक पर ट्रेन आने वाली है, उस पर कोई संदिग्ध वस्तु, पत्थर, लोहा, राड कंक्रीट, ढक्कन, विस्फोटक तो नहीं रखा। ट्रैक पर ट्रेन के गुजरने से पहले वीडियो भी बनाकर देना होगा।

चलती है ट्रैक रिकार्डिंग कार
प्रयागराज मंडल के पास ट्रैक रिकार्डिंग कार है। जिसके जरिए ट्रैक की जांच होती है। यह जांच तीन महीने में एक बार होती है। जांच के दौरान हाईटेक सिस्टम से ट्रैक की वीडियोग्राफी होती है, जिससे पता चलता है कि आने वाले तीन महीने के दौरान ट्रैक में कोई दिक्कत तो नहीं आने वाली। इसके अलावा ट्रैक मेंटेनर रोजाना ट्रैक की क्लिीपिंग की जांच करते हैं। जांच के दौरान वीडियो भी बनाई जाती है, जिसे कंट्रोल रूम में भेजा जाता है।

कटान वाले एरिया में विशेष चौकसी
प्रयागराज मंडल ने अपने एरिया में डेढ़ सौ से ज्यादा ऐसे स्थान चिंहित किए हैं जोकि बारिश के दौरान कटान से प्रभावित रहते हैं। इन स्थानों पर विशेष निगरानी की जा रही है। ताकि बारिश में मिट्टी की कटान से ट्रैक प्रभावित न हो।

बड़ा एरिया है प्रयागराज मंडल में
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के पास बड़ा एरिया है। प्रयागराज मंडल में दिल्ली हावड़ा रूट का बड़ा हिस्सा है। एक तरफ का दिल्ली हावड़ा रूट साढ़े सात सौ किलोमीटर है। जोकि गाजियाबाद से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक है। गौर करने वाली बात है कि प्रयागराज मंडल के पास बाइस सौ पचास किलोमीटर का रेलवे ट्रैक रूट है। जिसका रोजाना मेंटनेंस किया जाता है। प्रयागराज मंडल में गाजियाबाद से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच आने वाले स्टेशनों के अलावा चुनार, चोपन, छिवकी, मानिकपुर, नैनी, शिकोहाबाद, फरुखाबाद, इटावा, मैनपुर, बरहन, एटा, अलीगढ़, हरदुआगंज, हाथरस, हाथरस फोर्ट जंक्शन भी है।

रेलवे की करिए मदद
- रेलवे ट्रैक पर कहीं कोई समस्या दिखने पर फौरन सूचना दीजिए।
- रेलवे ट्रैक को असुरक्षित करने वाले अराजकतत्वों की सूचना दीजिए।
- रेलवे ट्रैक को नुकसान न पहुंचाइए।
- रेलवे ट्रैक पर चलती ट्रेन के आगे रील न बनाइए।
- ट्रेनों पर पत्थर फेंकने वालों की सूचना दीजिए।

2250 किलोमीटर ट्रैक है प्रयागराज मंडल में
250 मेल, एक्सप्रेस ट्रेन का होता है आवागमन
100 मैसेंजर और डेमु ट्रेन चलती है प्रयागराज मंडल में
15 ट्रेनें चलती हैं प्रयागराज मंडल के तीन स्टेशनों से।


रेलवे ट्रैक की सुरक्षा का पूरा इंतजाम बनाया गया है। ट्रैक मेंटेनरों को विशेष रूप से एक्टिव किया गया है। कई लेवल पर मानिटरिंग टीम बनाई गई है। जोकि रोजाना ट्रैक मेंटेनेंस को लेकर जांच निरीक्षण का रिकार्ड मेंनटेन करती है।
हिमांशु बडोनी, प्रबंधक, प्रयागराज मंडल


यहां हो चुकी हैं घटनाएं
- रेलवे जंक्शन के पास एक मालगाड़ी डिरेल हो गई थी।
- पूरामुफ्ती एरिया में रेलवे ट्रैक पर गार्डर रख दिया गया था।
- कौशांबी में वंदे भारत ट्रेन पर हुई थी पत्थरबाजी।
- नवाबगंज में वंदेभारत के सामने रील बनाने वाला युवक गिरफ्तार


रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर विशेष चौकसी अभियान चलाया जा रहा है। सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है, ताकि किसी आपात स्थिति की सूचना समय रहते मिल सके। रेलवे ट्रैक की गश्त के लिए विशेष टीम बनाई गई है।
- शिवकुमार सिंह, इंस्पेक्टर आरपीएफ