प्रयागराज (ब्यूरो)। यह समस्या केवल प्रयागराज की नही है। पूरे प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं। इनमें से अधिकतर लोग साउथ एशिया और यूरोपियन कंट्रीज से आए हैं और इनको पहली और दूसरी डोज वही लगी है। लेकिन तीसरी डोज लगना मुश्किल साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह तकनीकी समस्या है और इसमें कुछ नही किया जा सकता है। अगर किसी को लगवाना है तो वह कोविन पोर्टल के माध्यम से पहली और दूसरी डोज लगवाए। इसके बाद उसे बूस्टर डोज लगाई जा सकेगी। जबकि बाहर से आने वालों का कहना है कि वह विदेश में ही दोनों डोज लगवा चुके हैं और फिर से ऐसा करना संभव नही है।
अगस्त में पूरा करना है लक्ष्य
दूसरी ओर सरकार भी बूस्टर डोज को लेकर काफी सक्रिय हो गई है। जिन लोगों को दूसरी डोज लगे छह माह से अधिक हो गया है उन्हें बूस्टर डोज निशुल्क लगाई जा रही है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिले में 34 लाख लोगों को बूस्टर डोज लगाई जानी है और अब तक 4.30 लाख से अधिक को यह डोज लगाई जा चुकी है। ऐसे में यह समस्या वाकई सिरदर्द बनी हुई है। बता दे ंकि जिले में ऐसे कई परिवार हैं जिनके लोग विदेशों में जाकर पढ़ाई कर रहे थे या नौकरी करने के गए थे। वह दोनेां डोज लगवाकर वापस आ गए हैं और कोविन पोर्टल के अटैच नही होने से उनकी तीसरी डोज फंस चुकी है।
कोविन पोर्टल विदेशी वैक्सीन पोर्टल से अटैच नही है। यह तकनीकी समस्या है। यही कारण है कि बाहर से आने वालों को तीसरी डोज नही लगाई जा पा रही है। यह समस्या पूरे देश के सामने है।
डॉ। तीरथ लाल, वैक्सीनेशन प्रभारी स्वासथ्य विभाग प्रयागराज