प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पहली पसंद होते हैं ये स्कूल

बोर्ड के सभी मानकों को पूरा करने करने में रहते हैं आगे, फिर भी नहीं बनाये जाते हैं सेंटर

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PRAYAGRAJ: पढ़ाई से लेकर सभी एक्टीविटी की बात करें, तो एजूकेशन विभाग इन स्कूलों को बेहतर मानता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी सबसे पहले सेंटर बनाने के लिए इन स्कूलों का चयन होता है। लेकिन, जब यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए सेंटर बनाने की बात आती है, तो इन स्कूलों का नाम लिस्ट से गायब हो जाता है। ऐसे स्कूल सेंटर बन जाते हैं, जो सेंटर बनने के बाद डीआईओएस आफिस में सेंटर खत्म करने के लिए प्रत्यावेदन देते हैं।

हर बार संभावित लिस्ट से गायब रहता है नाम

बोर्ड की ओर से परीक्षा के लिए सेंटर बनाने वाले मानकों पर खरा उतरने वाले इन स्कूलों को नाम हर बार संभावित लिस्ट से गायब हो जाता है। खास बात ये है कि संघ से संचालित स्कूल भी इसमें शामिल हैं। सीसीटीवी कैमरा, वाइस रिकॉर्डर, ऑन लाइन क्लासेस से लेकर सभी प्रकार की हाईटेक व्यवस्था इन स्कूलों में है। यही कारण है कि लगभग प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के लिए इन स्कूलों को सेंटर बनाया जाता है। जब बोर्ड परीक्षा की बात होती है, तो इनका नाम पहले ही संभावित लिस्ट से गायब हो जाता है। बाद में बोर्ड की तरफ से संशोधन करके इन स्कूलों में सेंटर बनाए जाते हैं। इस बार भी विद्या भारती से संचालित स्कूलों ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज, सिविल लाइंस, ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज गंगापुरी, मुन्नी देवी रामबालक दास ग‌र्ल्स इंटर कालेज, मुंडेरा, स्वामी विवेकानंद विद्याश्रम जार्जटाउन का नाम सेंटर की लिस्ट में नहीं है।

कुछ वित्तविहीन विद्यालय ने संसाधान नहीं होने के कारण सेंटर नहीं बनने की बात कही है। उसकी सूचना बोर्ड को दे दी जाएगी।

आरएन विश्वकर्मा

डीआईओएस