सोमवार को भी न्यायिक कार्य नहीं करेंगे हाई कोर्ट बार के अधिवक्ता
शिक्षा सेवा अधिकरण अधिनियम के विरोध में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में छात्र संगठन, ट्रेड यूनियन, व्यापार संगठन और शिक्षक संगठन मिलकर एक लंबी कार्य योजना तैयार करने जा रहे हैं। शनिवार को एसोसिएशन की आम सभा में निर्णय लिया गया कि उप्र की सरकार हठधर्मी सरकार है और मात्र अधिवक्ताओं के हड़ताल से अधिनियम को वापस नही लेगी। क्योंकि एक लंबे आंदोलन की रूपरेखा को देखते हुए यह संभव नही है कि हाईकोर्ट के अधिवक्तागण महीना दो महीना तक न्यायिक कार्य से विरत रहें।
तब तक जारी रहेगा आंदोलन
आम सभा में कहा गया कि हाईकोर्ट का सम्मान करते हुए अपनी एक रणनीति तय करके अनवरत इस सरकार के इस काले कानून का विरोध करेंगे और अधिकरण को वापस कराने का कार्य करेंगे। इस विस्तृत रूपरेखा तथा संघर्ष समिति की रूपरेखा को विभिन्न जन संगठनों से वार्ता करके प्रकाशित किया जाएगा। बताया गया कि अधिवक्ता 8 और 9 को भी न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे और 9 मार्च को प्रयागराज बंद को पूर्ण रूप से बंद कराने का कार्य करेंगे। जिसके माध्यम से उप्र सरकार को यह संदेश दिया जाएगा कि यह संघर्ष तक जारी रहेगा जब तक शिक्षा सेवा अधिकरण समाप्त नही कर दिया जाएगा। आम सभा में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के हितों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाया जाए।
जुलूस में शामिल होने की अपील
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह और महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने सभी अधिवक्ता और संगठनों से आग्रह किया है कि 8 मार्च को मोटरसाइकिल जुलूस में शामिल होकर 9 मार्च को होने वाले प्रयागराज बंद को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें। इस दौरान जमील अहमद काजमी, अजय मिश्र, अनिल पाठक, रजनीकांत राय, केके मिश्रा, अंजू श्रीवास्तव, अभिषेक शुक्ला, दिलीप कुमार पांडेय, राजेंद्र कुमार सिंह सहित कई पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।
सीएम को भेजा ज्ञापन
इसी क्रम में उप्र लोक हितकारी परिषद की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर उप्र शिक्षा सेवा न्यायिक अधिकरण और संपत्ति क्षति दावा न्यायिक अधिकरण को प्रयागराज में स्थापित किए जाने की मांग की है। जिसमें कहा गया कि इनकी एक पीठ लखनऊ में हो सकती है। जिसके अधीन वे जिले हो जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ पीठ के अधीन है। प्रमुख शहरों में क्षेत्रीय शिक्षा सेवा न्यायिक अधिकरण की स्थापना की जाए। यह जानकारी संगठन के जिला अध्यक्ष इं विजयानंद सिनहा ने दी है।
जनविरोधी है रक्षा मंत्रालय का कदम
राष्ट्रीय मजदूर कांगे्रस और अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक और एटक) की संयुक्त बैठक देवेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई। जिसमें प्रयागराज से सेना की सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो सीओडी छिवकी को बंद करके कर्मचारियों को दूसरे स्थान पर भेजने की आलेाचना की गई। संगठनों ने रक्षा मंत्रालय के इस कदम को जन विरोधी और प्रयाग के ऐतिहासिक सम्मान के विरुद्ध बताया है। कहा कि डिपो बंद करके सरकार प्रयागराज से सैन्य छावनी को हटाकर कार्पोरेट के हाथ जमीन बेचने की साजिश रच रही है। बैठक में कहा कि सैन्य डिपो बंद न करके समान बनाने की फैक्ट्री लगाई जानी चाहिए और किसी कर्मचारी को बिना सहमति दूसरे स्थान नही भेजा जाना चाहिए। कहा कि जनमत संग्रह करके सरकार का प्रयागराज और कर्मचारियों से भावना से अवगत कराकर जन आंदोलन चलाया जाएगा। बैठक में राम सागर, अमित यादव, अनु सिंह, राजन निषाद, अवनीत सिंह, देवेंद्र सिंह, त्रिभुवन नाथ पांडेय आदि उपस्थित रहे।