प्रयागराज (ब्यूरो)। गिरफ्तार किए गए सातों अभियुक्तों के साथ मंगलवार को एसएसपी व एसपी यमुनापार मीडिया से मुखातिब हुए। द्वय अधिकारियों ने बताया कि मंगला प्रसाद पांडेय अपने पिता की हुई के केस में पैरवी कर रहा था। इस मुकदमें में राजा पांडेय, विद्याकांत सहित कई अन्य पर कत्ल के इल्जाम लगाए गए थे। इसी मुकदमें में 30 मार्च को कोर्ट में मंगला प्रसाद पांडेय गवाही होनी थी। अभियुक्त राजा पांडेय व अन्य जेल से किसी भी तरह बाहर आना चाह रहे थे। उन्हें पता था कि मंगला की गवाही हो जाने के बाद उनका छूट पाना मुश्किल हो जाएगा और सजा भी हो सकती है। इससे बचने के लिए फतेहगढ़ जेल में बंद होने के बावजूद राजा ने वाट्सएप कॉल के जरिए प्रतापगढ़क के शार्प शूटर दीपक से संपर्क साधा और हत्या की साजिश रच डाला। इस वारदात को अंजाम देने के लिए दीपक 95 हजार रुपये एडवांस दिया गया। रुपये पाने के बाद दीपक एक्टिव हुआ और अनुज तिवारी, विजय यादव एवं सचिन को साथ लेकर क्वालिस कार से करछना पहुंच गया। सटीक लोकेशन मिली तो बाइक से जा रहे मंगला प्रसाद की बाइक में क्वालिस से टक्कर मार दिया। वह गिरा तो उसे क्वालिस में भर लिए। चलती क्वालिस में पेचकस से एक के बाद एक उसके गले पर 21 बार वारकरके मंगला को मौत के घाट उतार दिया। शव को ठिकाने लगाने के लिए सभी ले ही जा रहे थे कि रास्ते में क्वालिस का टॉयर फट गया। यह देख क्वालिस को छोड़कर अभियुक्त भाग निकले। बॉडी बरामद होने के बाद मंगला के परिजनों की तहरीर पर राजा पांडेय के श्वसुर, साला, भाई समेत अन्य कई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस बीच इस हैरतंगेज वारदात को अंजाम देने वाले खूंखार शातिर भागकर उत्तराखण्ड पहुंच गए। वह वारदात की डील के शेष रुपये लिए गए के लिए पहुंचे तो ताक में बैठी पुलिस ने दबोच लिया।
दबोचे गए शातिर और उनका रोल
पुलिस के मुताबिक औद्योगिक थाना क्षेत्र स्थित मसिका निवासी राजधर द्विवेदी शातिर राजा पांडेय का श्वसर है। कत्ल को लेकर हुई डील की रकम की व्यवस्था उसके बेटे राहुल ने की और कातिलों के साथ भी रहा।
जबकि गिरफ्तार महेंद्र पटेल निवासी वीरपुर करछना ने शूटरों को अपने खेत में बने छप्पर में पनाह देकर मंगला के आने की खबर भी दी थी
प्रतापगढ़ के लालगंज बभनपुर निवासी सचिन पटेल साथियों के साथ क्वालिस के अंदर मंगला के गले को बरामद किए गए पेचकस से 21 बार गोदा था।
जबकि प्रतापगढ़ के लालगंज बभनपुर के ही सचिन यादव क्वालिस में सबसे पीछे बैठकर साथियों का सपोर्ट कर रहा था
बॉडी को क्वालिस में लादने और उतारने जैसे कार्यों में प्रतापगढ़ के लालगंज अर्जुनपुर निवासी विजय यादव भी वारदात के वक्त में ही था
सिर्फ यही नहीं रायबरेली के गदागंज स्थित भगौतीपुर निवासी अनुज तिवारी घटना में प्रयोग की गई बाराबंकी की क्वालिस को ड्राइव कर रहा था।
उत्तराखण्ड देहरादून स्थित इंदिरानगर कैलाशकुंज के रहने वाले राहुल वाल्मीकि के खाते में ली गई सुपारी की कुछ रकम मंगाई गई थी, वहां पर शातिरों को अरेंजमेंट भी किया था
वांछित अभियुक्त और पर्ची का रोल
एसपी यमुनापार ने कहा कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ में कुछ और नाम प्रकाश में आए हैं। जिनके नाम सामने आए हैं उनमें मसिका औद्योगिक निवासी राजा पांडेय का पिता चंद्रमा पांडेय, भाई कमलेश पांडेय, चचेरा भाई नान उर्फ प्रतीक व राहुल दुबे हैं। पकड़ से दूर इन अभियुक्तों की भी तलाश तेज कर दी गई है। बताया गया कि राहुल और दीपक से राजा पांडेय की मुलाकात जेल में ही हुई थी। बताया गया कि इस ब्लाइंड मर्डर केस में कोई ऐसा क्लू नहीं था जिसके जरिए गिरफ्तार कातिलों तक पहुंचा जा सके। टीमें हर एंगल पर जांच में जुटी हुई थीं। टॉयर फट जाने के बाद कार छोड़कर भागते वक्त शातिरों ने नंबर प्लेट तक गायब कर दिया था। कत्ल को लेकर पुलिस कातिलों तक पहुंचने ही हर कोशिश में थे। इस बीच तलाशी के दौरान कार से मुंगारी टोल प्लाजा का का पर्ची पुलिस के हाथ लग गई। पुलिस उस टोल प्लाजा पर पहुंची तो क्वालिस का नंबर ट्रेस हो गया। नंबर ट्रेस हुआ तो पुलिस को केस के खुलासे का रास्ता दिखाई देने लगा। जिस पर चलते हुए पुलिस शूटरों तक जा पहुंची।
पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई। इस केस के खुलासे में एसपी यमुनापार के नेतृत्व में सहित एसओजी प्रभारी वैभव सिंह करछना एसओ व सर्विलांस की टीम लगाई गई थी। खुलासे के लिए पूरी टीम को 25 हजार के इनाम से पुरस्कृत किया जाएगा।
अजय कुमार, एसएसपी प्रयागराज