प्रयागराज ब्यूरो । उमेश हत्याकांड में शामिल शूटर कहां हैं, यह किसी कों नही पता। लेकिन यह तय है कि अतीक गैंग के वाहन शहर के भीतर ही हैं। क्योंकि वारदात के बाद से पुलिस की चेकिंग में यह तय हो गया कि वाहनों ने टोल प्लाजा क्रास नही किया है। ऐसे में सभी गाडिय़ां शहर के भीतर ही कही छिपाई गई हैं। अब पुलिस इनकी तलाश में लग गई है। पुलिस को लगता है कि गाडिय़ों की शिनाख्त होने से शूटरेां तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इसमें कई लग्जरी गाडिय़ां तक शामिल है। सूत्र बताते है कि इन सभी गाडिय़ों को पुलिस कार्रवाई के डर से शहर के किसी कोने में सुरक्षित व विश्वसनीय व्यक्ति के यहां पर छिपाया गया है।
शाइस्ता के काफिले में दिखाई पड़ती थी गाडिय़ों की लंबी कतार
24 फरवरी को हुये उमेश पाल शूटआउट कांड के बाद से मृतक की पत्नी जया पाल ने अतीक, अशरफ व अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन व उसके दो पुत्र, गुलाम, मुस्लिम गुड्डू समेत अन्य अतीक गैंग के सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की कार्रवाई तेज हुई तो पहले अतीक गैंग के लोग व सभी नामजद फरार हो गए। फरार लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस ने जिले से सटे टोल प्लाजा तक का सीसीटीवी कैमरा खंगाला गया। जिसमें इक्का-दुक्का संदिग्ध गाडिय़ों को छोड़कर कुछ भी नजर नहीं आया। पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी तो सामने आया कि अतीक के परिवार व गैंग के पास दर्जन गाडिय़ों है। जो शहर में रोजाना चलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अगर यह सब गाडिय़ां टोल प्लाजा से क्रास नहीं हुये तो आखिर कहां गए। कौन इन गाडिय़ों को पनाह दे रखा है। पुलिस की माने तो मेयर चुनाव का प्रचार-प्रसार के लिए अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन खुद दर्जनों गाडिय़ों के काफिले के साथ निकलती थी। जिसमें अतीक के परिवार व गैंग की गाडिय़ां थी। जो अब शहर के अंदर नजर नहीं आ रहे है। ऐसे में अब पुलिस छिपाई गई गाडिय़ों का ठिकाना ढूंढ रही है। पुलिस का दावा है कि ठिकानों से कुछ न कुछ सुराग जरूर मिलेगा। सवाल अब यह ही उठता है कि पुलिस जब शहर में मौजूद अतीक गैंग की गाडिय़ों को नहीं ढूंढ पा रही है तो बदमाशों को कहां ढूंढ पाएगी।
बीस टीमें फिर भी हाथ खाली
इस शूटआउट कांड ने जिले को ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश को हिला कर रखा दिया। कानून व्यवस्था पर खुलेआम चुनौती तक दी गई। उमेश पाल व उसके दो गनर की हत्या की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद तक हो गई। सीसीटीवी को जो भी देखता वह कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता। इस घटना को अंजाम देने वाले शातिर बदमाश व शार्प शूटर को पकडऩे के लिए बीस से अधिक टीमें लगाई गई। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो सीसीटीवी में दिखाई पड़ रहे बदमाशों का पता नहीं चल सका। सिर्फ उस्मान और अरबाज को छोड़कर। जो एनकाउंटर में ढेर हुये है। जिसको पुलिस दावा कर रही है कि घटना के दिन क्रेटा गाड़ी चलाने वाला अरबाज और पहली गोली चलाने वाला उस्मान ही था। बाकि नामजद लोगों व सीसीटीवी में दिखाई पड़ रहे अन्य बदमाश अभी तक पकड़े नहीं गए है।
यमुनापार में गाडिय़ों का लोकेशन
सूत्र बताते है कि अतीक गैंग की गायब गाडिय़ां यमुनापार इलाके में ही छिपा हुआ है। जो घूरपुर क्षेत्र में किसी बालू माफिया के यहां होने का दावा किया जा रहा है। अभी पुलिस गाडिय़ों की जांच कर ही रही थी कि चर्चा आई कि सिटी का कोई इंस्पेक्टर किसी का फॉच्र्यूनर लेकर छूट्टी पर घर गया है। फिलहाल वह फॉच्र्यूनर किसकी है और किसके नाम पर है। इसकी भी गोपनीय जांच चल रही है।