प्रयागराज (ब्यूरो)। पूर्व कर्मचारियों को नीलामी रुकने की उम्मीद
किसी से दिल का लगाव हो तो उम्मीद आखिरी सांस तक नहीं टूटती है। यही हाल नैनी स्थित बीपीसीएल (भारत पंप्स एंड कम्प्रेशर लिमिटेड ) कंपनी के पूर्व कर्मचारियों का है। कंपनी की मशीनों की आज ऑनलाइन नीलामी होनी है लेकिन गुरुवार की देर रात तक पूर्व कर्मचारी केंद्र सरकार के नीलामी स्थगित किए जाने के फैसले का इंतजार करते रहे। उनके प्रतिनिधि के तौर पर सांसद रीता बहुगुणा जोशी के भी केंद्र सरकार से इस विषय में बात करने के प्रयास जारी रहे।

इस बार दो करोड़ है बेस प्राइज
यह नीलामी भारत सरकार के मेटल एंड स्क्रैप्ड ट्रेडिंग कारपोरेशन की ओर से ऑनलाइन कराई जानी है। जिसका बेस प्राइज दो करोड़ रुपए रखा गया है। बीपीसीएल कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष श्रीराम यादव का कहना है कि यह मशीने बेहद कीमती है और इनकी कीमत दो से तीन अरब रुपए हैं। इनको कबाड़ के भाव में बेचना ठीक नहीं होगा। उनका कहना है कि मशीनों को बेचने के बजाय पूरी कंपनी को किसी प्राइवेट कंपनी के हाथों बेच देना चाहिए। जिससे यह बंद नही होगी और सैकड़ों लोगा को फिर से रोजगार मिल जाएगा। बता दें कि कंपनी को दिसंबर 2020 में बंद करने की घोषणा की गई थी और इसी के क्रम में तीन सौ कर्मचारियों को वीएसएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गयी। बावजूद इसके पूर्व कर्मचारी इस कंपनी की मशीनों की नीलामी का विरोध कर रहे हैं।

दो बार हो चुकी है असफल
इसके पहले भी दो बार मशीनों की ऑनलाइन नीलामी की कोशिश की जा चुकी है।
दोनों बार खरीदार नही मिलने से नीलामी नही हो सकी।
पहली बार बेस प्राइज 54 करोड़ और दूसरी बार 52 करोड़ रखा गया था।
तीसरी बार पचास करोड़ा घटाकर इसे महज दो करोड़ कर दिया गया है।
ऐसे में पांच कंपनियों ने मशीन खरीदने में रुचि दिखाई है।
वह आज की ऑनलाइन नीलामी में सहभागिता करेंगी।

1970 में स्थापित हुई थी कंपनी
भारत पंप्स एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड (बीपीसीएल) (भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के नियंत्रण में एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम) की स्थापना वर्ष 1970 में नैनी में की गयी थी। इसकी स्थापना कोर क्षेत्र के उद्योगों के लिए पंप और कंप्रेसर का निर्माण करना था। कंपनी तेल की खोज और दोहन, रिफाइनरियों, पेट्रो-रसायनों, रसायनों, उर्वरक और डाउनस्ट्रीम उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारी शुल्क पंपों और कंप्रेसरों और उच्च दबाव निर्बाध और सीएनजी गैस सिलेंडरों/कैस्केड के निर्माण और आपूर्ति में लगी हुई थी।

हमें केंद्र सरकार से उम्मीद है। हमारी मांग है कि मशीनों की नीलामी न कराई जाए। बेहतर होगा कि पूरी कंपनी को ही नीलाम कर दिया जाय ताकि कोई इसे चलाने के लिए सामने आए। इससे तमाम लोगों को रोजगार मिलेगा और अपने शहर का नाम भी चमकेगा।
आरएलडी दुबे
अध्यक्ष, बीपीसीएल बचाओ संघर्ष समिति

मैं केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय से मिलने की कोशिश में लगी हूं। उनके सामने पूरी बात रखी जाएगी। बताया जाएगा कि इलाहाबाद की जनता नहीं चाहती कि बीपीसीएल का अस्तित्व समाप्त किया जाए।
रीता बहुगुणा जोशी
सांसद, इलाहाबाद