प्रयागराज ब्यूरो ।केंद्रीय कक्ष और आजाद गैलरी का सौन्दर्यीकरण हुआ है। वहीं पर संसद के सेंगोल की प्रतिकृति एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम का नव निर्माण कर इसे इलाहाबाद संग्रहालय में स्थापित किया है। सोमवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उसका उद्घाटन किया। पिस्तौल को राज्यपाल के हाथों शो-केस में रखवाया गया। संग्रहालय में लोग अब अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सेंगोल को भी देख सकेंगे।
दस करोड़ की लागत से बनी है गैलरी
शहीदों को समर्पित आजाद गैलरी इलाहाबाद संग्रहालय की आजाद गैलरी का निर्माण कार्य पिछले दो वर्षो से चल रहा था। इस आजाद गैलरी का निर्माण कार्य नेशनल काउंसिल आफ साइंस म्यूजियम द्वारा किया है। यह कंपनी कोलकाता की है। यह आजाद गैलरी 10 करोड़ की लागत से बनाई गई है।
यह गैलरी भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों की वीर गाथा को शब्दों एंव वीडियों के माध्यम से दिखाई जाएगी।
सेंट्रल हाल रहेगा आर्कषण का केन्द्र
इलाहाबाद संग्रहालय में आजाद गैलरी के साथ सेंट्रल हाल का भी नवीनीकरण किया गया है। सेंट्रल को बनाने का प्रपोजल वर्ष 2018 मे तात्कालीन सचिव सांस्कृतिक मंत्रालय अरूण गोयल के समय मे आया था। इसके सौन्दर्यीकरण का कार्य नेशनल काउंसिल आफ साइंस म्यूजियम कंपनी एनसीएसएम को सौंपा गया था। इसी कंपनी ने आजाद गैलरी के सौन्दर्यीकरण का कार्य किया गया। संग्रहालय के सेंट्रल हाल के दाहिने तरफ का रास्ता पत्थरों की मूर्तियों वाली वीथिकाओं की ओर जाता है। बायीं ओर का रास्ता लाइब्रेरी तथा चित्रकला और नेहरू वीथिका की ओर, उसके ठीक सामने का रास्ता आजाद वीथिका, साहित्यिक वाली वीथिका की ओर जाता है। विभिन्न संग्रहो की प्रतिनिधि कला कृतियों को सचित्र स्थान दिया है। ताकि लोग उन कला कृतियों को देख कर उनके बारे में जानकारी हासिल कर सके।
सेंगोल की प्रतिकृति स्थापित
संसद मे जो सेंगोल स्थापित किया गया है। वह पहले इलाहाबाद संग्रहालय की संपत्ति हुआ करता था। सेंगोल स्वतंत्रता का प्रतीक है। क्योंकि यह अंग्रेजों से भारतीयों को स्वतंत्रता हस्तांतरण का प्रतीक है। सेंगोल की प्रति को इलाहाबाद संग्रहालय मे स्थापित किया जाएगा। इस सेंगोल की प्रति को चेन्नई की कंपनी के द्वारा बनाया गया है। यह एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप मे संग्रहालय की शोभा मे चार चाँद लगाएगा।
पब्लिक एड्रेस सिस्टम का निर्माण
इलाहाबाद संग्रहालय मे पब्लिक एड्रेस सिस्टम अर्थात जन संबोधन प्रणाली का नव निर्माण कराया गया है। जिसके माध्यम से वहां आने वाले सैलानियों को संग्रहालय मे लगी हुई वीथिकाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। जिससे की लोगों को संग्रहालय की सारी एक जगह से आडियो के माध्यम से मिलती रहेगी। इसके साथ आपातकालीन स्थिति मे भी वहां आए दर्शकों एवं कर्मचारियों को गाइड किया जा सके। हाईकोर्ट के आदेशानुसार इलाहाबाद संग्रहालय मे प्रस्तावित मुख्य प्रवेश द्वार का शिलान्यास उत्तर प्रदेश की गर्वनर आनन्दी बेन पटेल के द्वारा सोमवार को किया गया।
संग्रहालय को मिलेगा अपना पुराना द्वार
संग्रहालय को अपना पुराना द्वार जल्द ही पुन: मिलेगा। राज्यपाल ने इसकी आधारशिला रखी। अब जल्द ही निर्माण भी शुरू होगा। इस द्वार को पूर्व में इलाहाबाद हाई कोर्ट से हुए आदेश पर बंद कर दिया था। करीब दो साल पहले हाई कोर्ट के ही तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने पुराने आदेश को पलटते हुए द्वार खोले जाने का निर्णय पारित किया था।