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घाट तैयार किये गये हैं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए

300

फुट के बनाए गए है कई स्नान घाट

650

फुट का सबसे बड़ा है संगम पर बना घाट

10

प्राथमिक उपचार केन्द्रों को किया गया है तैयार

मकर राशि में छह ग्रहों के संचरण ने मौनी अमावस्या के दिन महोदय योग बनाया है। इस महत्वपूर्ण योग संगम तट पर डुबकी लगाने का फल 21 अश्वमेध यज्ञ के बराबर प्राप्त होगा। इसी संयोग ने गुरुवार को बेहद महत्वपूर्ण बना दिया है। इस दिन मौनी अमावस्या पर्व पड़ रहा है। इस पुण्य मौके पर त्रिवेणी में डुबकी लगाने के लिए बुधवार को ही संगम की रेती पर आबाद अस्थायी शहर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा होने लगा। मेला प्रशासन के साथ पुलिस और लोकल प्रशासन, रेलवे और स्वास्थ्य विभाग ने स्नान पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं।

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि 10 फरवरी बुधवार रात्रि 12:19 बजे लगकर गुरुवार रात्रि 11:48 तक रहेगी। इससे 11 फरवरी को दिनभर अमावस्या का योग रहेगा। श्रवण नक्षत्र वरीयान योग रहेगा। मकर राशि में चंद्रमा, सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र व शनि का साथ संचरण होने से महोदय नामक योग बनेगा। महोदय योग में स्नान और पितरों का पूजन करना समस्त कामनाओं को सिद्ध करता है।

तैयारियां परखते रहे अफसर

माघ मेले के सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर स्नानार्थियों की आने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी थीं। देर शाम तक प्रशासनिक अधिकारी मेले में तैयारियों का निरीक्षण करत रहे। जिससे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत स्नानार्थियों को नहीं हो सके। इसके साथ ही गुरुवार को पड़ रहे मौनी अमावस्या को देखते हुए मेला क्षेत्र के अलग-अलग सेक्टरों में कुल 8 घाट बनाए गए है। इसमें सबसे बड़ा घाट संगम नोज पर बनाया गया है। संगम नोज पर बने घाट की लंबाई 650 फुट रखा गया है। जबकि अन्य घाटों की लंबाई 300-300 फुट रखी गई है।

बुधवार से ही मेला में पहुंचने लगे स्नानार्थी

मौनी अमावस्या को देखते हुए बुधवार से ही स्नानार्थियों की भीड़ मेला क्षेत्र में पहुंचने लगी। बुधवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। जो पूरी रात जारी रहा। उधर मेला में आ रही भीड़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से आने व जाने के लिए अलग-अलग रास्तों को निर्धारित किया गया है। जिससे किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो सके। वहीं मेला क्षेत्र में आने वाले स्नानार्थियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए भी प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है। मेला में 10 प्राथमिक उपचार केन्द्र बनाए गए है। जहां पर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक कर्मचारी तैनात रहेगे। जबकि मौनी अमावस्या के मौके पर संगम नोज पर बनाए गए प्राथमिक उपचार केन्द्र पर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवा स्नानार्थियों के लिए उपलब्ध रहेगी। वीआईपी घाट पर आत्याधुनिक उपकरणों से लैस एम्बुलेंस भी पूरे स्नान पर्व के दौरान तैनात रहेंगे।

सुरक्षा के खास इंतजाम

मौनी अमावस्या को देखते हुए मेला क्षेत्र में सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए है। मेले के दौरान मेला क्षेत्र को दो जोन और 7 सर्किल में बांटा गया है। इस दौरान मेला की सुरक्षा के लिए 15 सीओ, 30 इंस्पेक्टर, 250 दरोगा, 250 दीवान, 1500 सिपाही, 9 कम्पनी पीएसी, एक टीम एटीएस, दो टीम बीडीएस, एक टीम एसडीआरएफ, 30 गोताखोर, 3 कंपनी बाढ़ राहत की लगाई गई है। इसके साथ ही पूरे मेला क्षेत्र की सीसीटीवी से मॉनिटरिंग के लिए मेला क्षेत्र में कुल 150 सीसीटीवी लगाए गए हैं।

ड्रोन से निगरानी, संगम पर कमांडो

मौनी अमावस्या स्नान के मद्देनजर बुधवार से ही स्नान घाट और मेला क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी शुरू हो गयी। संगम नोज को एटीएस कमांडो के हवाले कर दिया गया है। बुधवार देर रात कमांडो ने घाटों पर अपनी-अपनी पोजीशन ले ली। क्राउड और ट्रैफिक मैनेजमेंट की जिम्मेदारी पुलिस के जवानों पर है। सीसीटीवी कैमरे से भी संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा के लिहाज से खुफिया एजेंसी भी अपने-अपने स्तर पर इनपुट जुटा रही हैं। स्नान पर्व से पूर्व बुधवार को आइजी केपी सिंह, एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एसपी मेला डॉ आरएन मिश्रा ने नोडल अधिकारी आशुतोष मिश्रा, एसपी सिटी दिनेश सिंह के साथ मेला ड्यूटी में लगे अधिकारियों व पुलिसर्किमयों को ब्रीफ किया।

झूला और अक्षयवट का दर्शन आज नहीं

मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने को देखते हुए परेड मैदान पर लगे झूले को बंद करवा दिया गया है। अक्षयवट के दर्शन भी नहीं हो पाएंगे। अक्षयवट का दर्शन तो हर स्नान पर्व के दिन रोक दिया जाता है। बुधवार की शाम करीब पांच बजे झूला भी पुलिस ने बंद करवा दिया।

श्रद्धालुओं के लिए तैनात रहेगी एंबुलेंस

ठंड का मौसम, कोविड महामारी के दृष्टिगत सभी स्नान घाटों के आसपास एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी है। वीआइपी घाट, अरैल घाट और संगम नोज पर एक-एक एंबुलेंस की तैनाती है। 24 घंटे चिकित्सा सहायता के लिए टीम बुधवार से ही सक्रिय कर दी गई। माघ मेला क्षेत्र में 20-20 बेड वाले दोनों बड़े अस्पतालों में चिकित्सा स्टाफ भी बढ़ाया गया है।

मेला क्षेत्र में 40 एंबुलेंस भ्रमण करती रहेंगी। तीन एडवांस फ्लाइट सपोर्ट वाली एंबुलेंस भी लगा दी गई गई है। इसमें आक्सीजन, गंभीर स्थिति होने पर चिकित्सा की अतिरिक्त व्यवस्था रहती है।

डा। आरएस ठाकुर

स्वास्थ्य विभाग, मेला क्षेत्र

सिक्योरिटी मेजर्स के साथ ही कोविड गाइड लाइन को भी फॉलो कराना है। इस फ्रंट पर भी फुल सिक्योरिटी जरूरी है। इसीलिए मेले में झूले को बंद कराया गया है।

विवेक चतुर्वेदी

मेला अधिकारी

मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुरूप सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। स्नानाíथयों को कोई असुविधा न हो और कोविड नियमों का पालन हो, इसके लिए पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए हैं।

केपी सिंह, आइजी रेंज, प्रयागराज

माघ मास की कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि को मनु ऋषि का जन्म हुआ था। उन्हीं के नाम से मौनी शब्द की उत्पत्ति हुई, इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मौन रहकर स्नान-दान से स्वास्थ्य व ज्ञान की प्राप्ति होती है। ग्रह दोष दूर करने के लिए भी यह अमावस्या खास मानी गई है।

अमित बहोरे

ज्योतिषाचार्य

अमावस्या तिथि का मान 10 फरवरी दिन बुधवार की रात में 12 बजकर 19 मिनट से 11 फरवरी की रात 11:48 तक रहेगा। स्नान का मुहुर्त्त गुरुवार की भोर से रात तक होगा। इस दिन किया गया दान पुण्य, हवन यज्ञ अनन्त फल प्रदान करेगा। मौनी अमावस्या पर इस बार 6 ग्रहों का संयोग बन रहा है।

पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली

ज्योतिषाचार्य